नई दिल्ली। केंद्र सरकार शहरी और बहु-राज्यीय सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक की सीधी निगरानी में ले आई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बैकिंग नियम (संशोधन) अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे दी है, जिसके साथ ही अब सहकारी बैंक आरबीआई की निगरानी में होंगे। सरकार ने लाखों जमाकर्ताओं के हित में अधिनियम के नए प्रावधानों को जल्दी से लागू करने के लिए अध्यादेश जारी किया था, जो सहकारी चैनल का उपयोग करके अपनी गाढ़ी कमाई का जमा धन सहित बैंकिंग लेनदेन करने के लिए उपयोग करते हैं।
पहले जमाकर्ताओं के धन के दुरुपयोग की संभावना थी। पिछले साल इसी तरह का एक मामाल पीएमसी घोटाले के रूप में देखने को मिला। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, "बैंकों में जमाकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता के मद्देनजर, राष्ट्रपति ने बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अध्यादेश, 2020 पर मुहर लगा दी है।"
बयान में आगे का गया कि इस अध्यादेश का मकसद जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करना और गर्वनेंस में सुधार कर सहकारी बैंकों को मजबूत करना है। अक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च की मुख्य विश्लेषणात्मक अधिकारी सुमन चौधरी ने कहा कि यह उन जमाकर्ताओं को भी सहूलियत देगा, जो पूर्व में आंशिक रूप से या पूरी तरह से अपनी जमा राशि खो चुके हैं।