वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का मानना है कि कोविड-19 संक्रमण का लगातार प्रसार भारत के वृद्धि दर के अनुमान के लिए सबसे बड़ा खतरा है। आईएमएफ के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि भारत में यह स्वास्थ्य संकट अभी तक नियंत्रण में नहीं आया है। आईएमएफ ने कहा कि भारत के निकट भविष्य के वृद्धि दर परिदृश्य पर वैश्विक और घरेलू मोर्चे पर सुस्ती और कोरोना वायरस को लेकर अनिश्चितता की वजह से जोखिम के बादल मंडरा रहे हैं।
आईएमएफ ने हाल में अपनी एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी। आईएमएफ के एशिया एवं प्रशांत विभाग के निदेशक चांग यान्ग री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा जोखिम कोविड-19 का लगातार प्रसार है, क्योंकि अभी तक यह स्वास्थ्य संकट नियंत्रण में नहीं आया है। इसके अलावा महामारी पर अंकुश के लिए अतिरिक्त लॉकडाउन लगाने की जरूरत पड़ सकती है।
वायरस को लेकर चिंता से उपभोक्ताओं का भरोसा डगमगा सकता है और अर्थव्यवस्था में सुधार में विलंब हो सकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का आर्थिक प्रभाव उल्लेखनीय और व्यापक है। औद्योगिक उत्पादन, कारोबारी धारणा (मसलन खरीद प्रबंधक सूचकांक), वाहन बिक्री और व्यापार जैसे संकेतक दर्शाते हैं कि आर्थिक गतिविधियों में बड़ी गिरावट आ रही है।
री ने कहा कि 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में गिरावट के अनुमान की प्रमुख वजह कोविड-19 के बढ़ते मामले हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के निकट भविष्य के परिदृश्य पर वैश्विक और घरेलू सुस्ती और कोरोना वायरस को लेकर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2020 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के आंकड़ों से पता चलता है कि विनिर्माण और निर्माण दोनों क्षेत्रों में पिछले साल की तुलना में गिरावट आई है।