नई दिल्ली। सरकारी कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने के सरकार के फैसले से घरेलू खपत में 45,110 करोड़ रुपए की वृद्धि होगी और इससे घरेलू बचत को भी बढ़ावा मिलेगा। इंडिया रेटिंग एवं शोध एजेंसी ने यह बात कही। सरकार ने अपने एक करोड़ कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अमल में लाने का फैसला किया है। इंडिया रेटिंग के अनुसार बढ़े हुए वेतन-भत्तों का सरकारी खजाने पर 94,775 करोड़ रुपए तक प्रभाव पड़ेगा जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 0.63 फीसदी है।
शोध एजेंसी के मुताबिक, बढ़े हुए वेतन पर केंद्र सरकार को ज्यादा आयकर प्राप्त होगा इसके साथ ही उसे वस्तुओं एवं सामान की खपत बढ़ने पर अधिक उत्पाद शुल्क भी मिलेगा। आयकर और उत्पाद शुल्क वृद्धि में से राज्यों को उनका हिस्सा दिए जाने के बाद केंद्र सरकार के वित्त पर शुद्ध रूप से 80,641 करोड़ रुपए (जीडीपी का 0.54 फीसदी) बोझ ही पड़ने का अनुमान है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की हुई बैठक में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी गई। इन सिफारिशों के आधार पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन एवं भत्तों में कुल मिलाकर 23.5 फीसदी वृद्धि होगी।
इंडिया रेटिंग के मुताबिक इन सिफारिशों के अमल में आने पर अर्थव्यवस्था में खपत में 45,110 करोड़ रुपए (जीडीपी का 0.30 फीसदी) की वृद्धि होगी, जबकि बचत में 30,710 करोड़ रुपए (जीडीपी का 0.20 फीसदी) वृद्धि होने की उम्मीद है। इसके मुताबिक राज्यों की वित्तीय स्थिति पर वेतन वृद्धि का ज्यादा गहरा असर नहीं होगा, जैसा कि पहले माना जा रहा था क्योंकि बकाये का बोझ कम होगा। शोध एजेंसी के अनुसार वेतन वृद्धि से तुरंत मुद्रास्फीति बढ़ने का भी कोई खतरा नहीं है।
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