नई दिल्ली। उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार जिस नए उपभोक्ता कानून को बनाने जा रही है उसके लिए कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल संसद के अगले सत्र में पेश हो सकता है। गुरुवार को उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री सी आर चौधरी ने एक कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी। इस बिल के कानून बनने के बाद भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लग सकेगी। यानि क्रीम लगाकर गोरा करने वाले और हेल्थड्रिंक पिलाकर मजबूत बनाने वाले भ्रामक विज्ञापन बंद हो सकते हैं।
कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल में ऐसे कई प्रावधान हैं जिससे किसी भी प्रोडक्ट के बारे में गलत जानकारी देने पर उस प्रोडक्ट को बनाने वाली कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है। बिल में जो मुख्य बातें हैं वह इस तरह से हैं।
किसी प्रोडक्ट को तैयार करने वाला या सर्विस देने वाला अगर अपने प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में विज्ञापन के जरिए गलत जानकारी देता है तो उसे 2 साल की कैद या 10 लाख रुपए जुर्माना हो सकता है, अधिकतम 5 साल की कैद और 50 लाख रुपए जुर्माने या फिर दोनो की सजा का प्रावधान भी है।
अगर कोई दुकानदार या मैन्युफैक्चरर किसी मिलीवटी सामान की बिक्री, भंडारण, डिस्ट्रीब्यूशन या आयात करता है और उस प्रोडक्ट या सेवा से उपभोक्ता की मौत होती है तो उसे 7 साल की कैद के साथ 10 लाख रुपए जुर्माना हो सकता है। अगर मौत नहीं होती लेकिन उपभोक्ता को बड़ी बीमारी या बड़ा घाव होता है तो 7 साल की कैद और 5 लाख का जुर्माना और छोटे घाव की स्थिति में 1 साल की कैद और 3 साल के जुर्माने का प्रावधान है।