नई दिल्ली। गुजरात और पश्चिम बंगाल के किसानों से प्राप्त किये गये फाइबर और खनिज पदार्थो से समृद्ध 'ड्रैगन फ्रूट' या कमलम की खेप का पहली बार लंदन और बहरीन को निर्यात किया गया है। वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि लंदन को निर्यात की जाने वाली खेप को गुजरात के कच्छ क्षेत्र के किसानों से लिया गया था, जबकि बहरीन की खेप पश्चिम मिदनापुर (पश्चिम बंगाल) के किसानों से मंगवाई गई थी। ड्रैगन फ्रूट की तीन मुख्य किस्में हैं - ‘व्हाइट फ्लेश विथ पिंक स्किन’, ‘रेड फ्लेश विथ पिंक स्किन’ और ‘व्हाइट फ्लेश विथ येलो स्किन’। ये फल ज्यादातर कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में उगाया जाता है। पश्चिम बंगाल इस विदेशी फल की खेती के लिहाज से नया क्षेत्र है। इस फल का उत्पादन करने वाले मुख्य देशों में मलेशिया, थाइलैंड, फिलिपीन, अमेरिका और वियतनाम शामिल हैं और ये देश भारत के लिए प्रमुख प्रतिस्पर्धी हैं।
भूत झोलकिया भी पहुंच चुकी है लंदन
इससे पहले बीते हफ्ते ही दुनिया की सबसे तीखी मानी जाने वाली राजा मिर्च जिसे भूत झोलकिया भी कहते हैं, की पहली खेप लंदन रवाना की गयी। भूत झोलकिया मिर्च को साल 2008 में जीआई सर्टिफिकेट मिला था। उद्योग मंत्रालय के द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक खेप को पहले नागालैंड के कई हिस्सों से जुटाया गया फिर उसके बाद गुवाहाटी में एपिडा के वेयरहाउस में इसकी पैकिंग की गयी। निर्यात की जाने वाली खेप को तैयार करने में एपिडा के साथ नागालैंड स्टेट एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड (NSAMB) ने भी मदद दी। संस्थानों ने जून और जुलाई 2021 में मिर्च के सैंपल टेस्टिंग के लिये भेजे थे, ऑर्गेनिक होने की वजह से जिसके नतीजे काफी शानदार निकले। उद्योग मंत्रालय के मुताबिक भूत झोलकिया या राजा मिर्च के निर्यात से देश के कई अन्य जीआई उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। इसी के साथ एपिडा उत्तर पूर्व से एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने पर जोर बढ़ा रहा है। साल 2021 में एपिडा त्रिपुरा से कटहल का निर्यात लंदन और जर्मनी, असम से नीबू का निर्यात लंदन, असम के लाल चावल का निर्यात अमेरिका कर चुका है।.