नई दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने सोमवार को भूषण स्टील के ऋणदाताओं की समिति (COC) से कंपनी के कर्मचारियों द्वारा टाटा स्टील की बोली पर उठाई गई आपत्तियों पर विचार करने के लिए कहा। कर्जदाताओं का समूह कल होने वाली बैठक में कर्मचारियों की ओर से उठाई गई आपत्ति पर विचार करेगा। इस बैठक में भूषण स्टील के लिए सबसे ज्यादा बोली लगाने वाली कंपनी टाटा स्टील की समाधान योजना पर विचार किया जाएगा।
न्यायाधिकरण ने दिवालिया समाधान पेशेवर (IRP) को कर्मचारियों की आपत्तियों पर निर्णय के बारे में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है। एनसीएलटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एम एम कुमार ने कहा कि आवेदकों की ओर से दाखिल की गई आपत्तियों को विचार के लिए सीओसी के पास भेजा जाएगा। अंतिम समाधान योजना पेश करने के समय लिए गए निर्णय के बारे में भी NCLT को सूचित किया जाएगा।
कर्मचारियों का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ए एस चांडिओक ने कहा कि टाटा स्टील इसके लिए "अयोग्य" है और आईबीसी की धारा 29ए के तहत बोली लगाने के लिए हकदार नहीं है।
टाटा स्टील की ओर से पेश वकील राजीव नय्यर ने भूषण स्टील के कर्मचारियों के आवेदन पर आपत्ति जताते हुए मामले में उनके आधार पर सवाल उठाया है। हालांकि, NCLT ने इस स्तर पर टाटा स्टील की आपत्तियों को "स्वीकार करने से मना" कर दिया। उल्लेखनीय है कि सात मार्च को टाटा स्टील ने कहा था कि भूषण स्टील में नियंत्रण हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने के लिए सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में सामने आई है, जो कि दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है।