नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्री पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने के लिए तैयार नहीं लग रहे हैं, रविवार को GST को 1 साल पूरा होने के मौके पर अरुण जेटली ने अपनी फेसबुक पोस्ट में यह बात कही है। वित्त मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने के लिए बार-बार मांग करते हैं, लेकिन इस मुद्दे पर जब कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों से बात की गई है तो वह इसके लिए तैयार नहीं लग रहे हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोलियम उत्पादों को GST के दायरे में लाने पर कांग्रेस के ट्रैक रिकॉर्ड पर भी सवाल उठाए, अपनी फेसबुक पोस्ट उन्होंने कहा कि पूर्व यूपीए सरकार ने संविधान संशोधन का जो प्रस्ताव दिया था उसमें पेट्रोलियम उत्पादों को पूरी तरह से GST के दायरे से बाहर रखने की बात कही गयी थी। यानि यूपीए के मुताबिक जबतक संविधान में दोबारा संशोधन नहीं होता तबतक पेट्रोलियम प्रोडक्ट GST के दायरे से बाहर रहते।
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों को GST के दायरे में लाने के लिए लगातार प्रयास करते रहेंगे और जब राजस्व के मामले में राज्यों की दशा मजबूत होगी तो इस मुद्दे पर राज्यों के बीच सहमति बनाने का सही समय होगा।