नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर आरोप लगाया कि वह 2009 तक देश के हर गांव तक बिजली पहुंचाने के वादे को पूरा करने में असफल रही हैं। उन्होंने कहा कि तब कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं गांधी ने आगे बढ़कर कहा था कि 2009 तक देश के सभी घरों में बिजली पहुंच जाएगी। प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के लाभार्थियों से बात करते हुए मोदी ने कहा कि जब हम सरकार में आए तो 18,000 गांव ऐसे थे जहां बिजली नहीं थी। पहले की सरकारों ने बिजली पहुंचाने के कई वादे किए, लेकिन वे पूरे नहीं हुए। उस दिशा में कुछ नहीं किया गया।
मोदी ने कहा कि13 साल पहले 2005 में जब कांग्रेस की सरकार थी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे। उन्होंने वादा किया था कि 2009 तक सभी गांवों को बिजली देंगे। तब की कांग्रेस अध्यक्ष (गांधी) ने आगे बढ़कर कहा था कि 2009 तक सभी घरों को बिजली उपलब्ध करायी जाएगी।
गौरतलब है कि मौजूदा सरकार ने 16,320 करोड़ रुपए की सौभाग्य योजना पिछले साल सितंबर में शुरू की थी। इसके तहत बिजली अब तक वंचित 3.6 करोड़ घरों को 31 मार्च, 2019 तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है। हालांकि, सरकार इन घरों को 31 दिसंबर 2018 तक रोशन करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
इस माह की शुरुआत में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बिजली मंत्रियों ने शिमला में हुई बैठक में 31 दिसंबर 2018 तक सभी घरों तक बिजली पहुंचाने की प्रतिबद्धता जतायी थी।
मोदी ने कहा कि जो जन कल्याण के बारे में सोचते हैं, उन्हें गांव जाना चाहिए। उनसे विद्युतीकरण के बारे में पूछना चाहिए रिपोर्ट्स बनानी चाहिए और समाज से इस बारे में बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह संभव था कि हर घर को बिजली के वादे को 2010 या 2011 तक पूरा कर लिया जाता। लेकिन उस समय यह वादा पूरा नहीं हुआ क्योंकि उनके पास कोई गंभीर नेता नहीं था।
मोदी ने कहा कि जब उनकी सरकार अपने वादों को गंभीरता से लेती है तो सारा विपक्ष मिलकर उसकी कमियां ढूंढने में लग जाता है। मोदी ने कहा कि मेरा मानना है कि यही लोकतंत्र की मजबूती भी है कि हम कुछ अच्छा करने की कोशिश करते हैं और जहां कमी रह जाती है उसे उजागर करके ठीक करने में जुट जाते हैं।
उन्होंने कहा कि सौभाग्य के तहत उनकी योजना करीब चार करोड़ घरों तक बिजली पहुंचाने की है। इसमें से 80-85 लाख को बिजली पहुंचाई भी जा चुकी है। गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन मिलेगा।
मोदी ने कहा कि आपको विपक्ष के भाषण सुनने चाहिए। वह बिजली की पहुंच से दूर घरों की संख्या की बात करते हैं। मैं नहीं मानता कि यह हमारी आलोचना है। यह उनकी खुद की आलोचना है। यह उनकी आलोचना है जो पिछले 70 साल से सरकारें चला रहे हैं। उन्होंने विद्युतीकरण के काम को हमारे लिए बचाकर रखा था और हम इसे पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।
योजना के बारे में और बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि चार करोड़ परिवारों तक बिजली नहीं पहुंची है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उनके पास बिजली थी और मोदी सरकार ने आपूर्ति काट दी। ऐसा कुछ भी नहीं है। हम विद्युतीकरण के लिए बुनियादी ढांचा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
मोदी ने कहा कि आप मोदी की जितनी आलोचना कर सकते हैं, कीजिए। लेकिन उन सभी लोगों का सम्मान होना चाहिए जिन्होंने गांवों में बिजली पहुंचाने के लिए काम किया है। हमें उन्हें प्रोत्साहन देना चाहिए। हमारा काम समस्याएं गिनना नहीं बल्कि उनके समाधान ढूंढना है।
उन्होंने कहा कि प्रगति के लिए हर कोई समय का अधिकतम उपयोग करना चाहता है, लेकिन यदि आप किसी के दिन में से 12 घंटे निकाल देंगे तो वह क्या कर सकता है। आप अपने काम पूरा करने में सक्षम नहीं होते। देश के सुदूर इलाकों में लोग इस तरह की जिंदगी जी रहे हैं। उनका जीवन केवल सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच है। सूरज की रोशनी उनके काम के घंटों को बांध देती है।