नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों के बीच अब सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस ने पेट्रोल और डीजल की महंगाई को आर्थिक आतंकवाद की संज्ञा दे डाली है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि कीमतों को लेकर सरकार जनता को गुमराह कर रही है। जहां एक ओर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल के दाम गिर रहे हैं वहीं भारत में ये नई ऊंचाई छू रहे हैं। यह एक तरह का आर्थिक आतंकवाद है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता जयपाल रेड्डी ने एक्साइज ड्यूटी को लेकर सरकार की नीतियों को आड़े हाथों लिया।
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पूर्व पेट्रोलियम मंत्री एस. जयपाल रेड्डी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवाकर जीएसटी के तहत लाना बेहद जरूरी है। लेकिन यह व्यावहारिक नहीं होगा क्योंकि राज्य इसका विरोध करेंगे। हालांकि केंद्र सरकार इन पर उत्पाद शुल्क में कटौती कर सकती है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें कम होने के बावजूद उत्पाद शुल्क की दर को ढांचा रखा जाना गलत है।
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समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में रेड्डी ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के तहत रखे जाने की सलाह दी सकती है और यह वांछित है लेकिन भाजपा समेत अन्य राज्यों की सरकारों की वजह से यह व्यावहारिक नहीं होगा। राज्य सरकारें इस पर सहमत नहीं होंगी।