नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शब्दों में कहें तो 1 जुलाई को देश में होना वाला कर सुधार वस्तु और सेवा कर यानी GST एक ऐतिहासिक कदम है। इस कर सुधार का ढांचा 17 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान तैयार करने की पहल हुई थी। जिसे अब मोदी सरकार अमली जामा पहनाने जा रही है। आपको बता दें कि कर व्यवस्था में सुधार की शुरुआत मोडिफायड वैल्यू एडेड टैक्स यानि MODVAT के साथ 1986-87 में तब हुई थी जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे और विश्वनाथ प्रताप सिंह केंद्र में वित्त मंत्री थे। GST का विचार वास्तव में 1999 में आया जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे।
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GST का इतिहास
साल 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी ने पश्चिम बंगाल के तत्कालीन वित्त मंत्री असीम दासगुप्ता की अध्यक्षता में GST की समीक्षा के लिए एक कमेटी का गठन किया जिसमें उन्हें इसका पूरा मॉडल तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई। केलकर टास्क फोर्स ने GST के रूप में अप्रत्यक्ष करों का एकीकरण करने की सलाह दी। अप्रैल 2010 में प्रस्तावित राष्ट्रीय स्तर के GST को सबसे पहले 2006 के बजट भाषण के दौरान रखा गया था। मई 2007 में देश के विभिन्न राज्यों के राजस्व पर GST के प्रभाव को जानने और GST के क्रियान्वयन के लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों की एक अधिकारप्राप्त कमेटी गठित की गई
2008-09 में आई ए मॉडल रोडमैप फॉर GST इन इंडिया रिपोर्ट
2008-09 में केलकर टास्क फोर्स ने GST के प्रारूप पर ‘ए मॉडल एंड रोडमैप फॉर GST इन इंडिया’ नाम से रिपोर्ट दी और नवंबर में इस रिपोर्ट के आने के बाद पहली चर्चा की गई। 2010 में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अपने भाषण में घोषणा की थी कि जीएसटी अप्रैल, 2011 से लागू कर दिया जाएगा। 2011 में लोकसभा में सभी वस्तु और सेवाओं पर जीएसटी की लेवी के लिए 115 वां संविधान संशोधन बिल लाया गया। 2013 में स्थाई समिति ने GST पर अपनी रिपोर्ट पेश की और नवंबर 2009 में सरकार के पेट्रोलियम पदार्थों के जीएसटी में शामिल करने के प्रस्ताव को एंपावर्ड कमेटी ने खारिज कर दिया। 2014 में 122 वां संविधान संशोधन लोकसभा में पास हो गया।
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दो साल के इंतजार के बाद GST 3 अगस्त 2016 को राज्यसभा से पास हो गया और सितंबर 2016 में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई। 2017 में सरकार ने 4 प्रकार के GST बिल पेश किए जिनमें केंद्रीय जीएसटी, एकीकृत जीएसटी, केन्द्र शासित राज्यों का जीएसटी बिल और जीएसटी बिल शामिल था।
GST पास करने वाला पहला राज्य बना असम
अगस्त 2016 में GST पास करने वाले पहले राज्य का नाम असम है। बिहार ने अप्रैल 2017 में GST पारित किया और यह महत्वपूर्ण बिल पास करने वाला पहला गैर बीजेपी शासित राज्य बना। 22 सितंबर को जीएसटी काउंसिल का गठन किया गया, यह परिषद नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के लिए कर की दर, उस में दी जाने वाली छूट और इसकी सीमा पर फैसला करेगी।
महत्वपूर्ण टाइम लाइन
- 23 सितंबर 2016 को जीएसटी नेटवर्क का गठन किया गया। यह एक ऑनलाइन नेटवर्क है जिसे उपभोक्ताओं और कारोबारियों की समस्याओं और सवालों को हल करने के लिए बनाया गया है।
- 20 मई को जीएसटी परिषद ने GST कर की चार दरें ( 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी, 24 फीसदी) तय की।
- 20 जून 2017 को अरुण जेटली ने घोषणा की कि आजादी की रात की तर्ज पर 30 जून की आधी रात को GST को लॉन्च किया जाएगा।