नई दिल्ली। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (CBI) ने सोमवार को एक विशेष अदालत को बताया कि वादा माफ गवाह बनने के इच्छुक एक आरोपी से पूछताछ और कुछ दस्तावेजों से कोयला घोटाले के एक मामले में कुछ और लोगों की मिलीभगत पर रोशनी पड़ी है। इस मामले में कांग्रेस नेता व उद्योगपति नवीन जिंदल भी एक आरोपी हैं।
CBI ने विशेष न्यायाधीश भरत पराशर की अदालत में कहा कि मामले में सह आरोपी सुरेश सिंघल के खुलासों को ध्यान में रखते हुए आगे जांच की जरूरत है। जिंदल समूह के चार्टर्ड एकाउंटेंड सिंघल ने इस मामले में वादा माफ गवाह बनने की अनुमति मांगी है। अदालत ने सिंघल के वादा माफ गवाह बनने संबंधी याचिका को स्वीकार या अस्वीकार करने के बारे में अपना आदेश सुनाना था। अदालत ने CBI से कहा है कि वह सिंघल के बयान सीलबंद लिफाफे में पेश करे। मामले में आगामी सुनवाई 11 जुलाई को होगी।
CBI ने सिंघल की याचिका को लेकर तर्क देते हुए अदालत को बताया कि इस मामले में कुछ और लोगों की मिलीभगत से नया मोड़ आ गया है। उल्लेखनीय है कि यह मामला जिंदल स्टील एंड पावर तथा जीएसआईपीएल को 2008 में अमरकोंडा मुर्गादंगल कोयला ब्लाक के आवंटन में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। इस मामले में जिंदल, पूर्व कोयला राज्यमंत्री दसारी नारायण राव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा तथा 12 अन्य आरोपी हैं।