नई दिल्ली। उत्पादन संबंद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का लाभ लेने वाली कंपनी, यदि किसी भी कारण से, पूर्ण प्रतिबद्धित निवेश करने में विफल रहती है और बीच में ही बाहर निकल जातीं है तो उसे ब्याज सहित प्रोत्साहन राशि वापस करनी होगी और उसकी बैंक गारंटी भी भुना ली जाएगी। डीपीआईआईटी द्वारा सोमवार को जारी किए गए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के तहत यह जानकारी दी गयी।
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उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने घरेलू पूंजीगत सामान - एसी और एलईडी लाइट के लिए पीएलआई योजना पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के एक समूह के तहत बताया कि निवेश मानदंडों को पूरा किए बिना एक चयनित आवेदक द्वारा बीच में ही बाहर निकलने से अर्थव्यवस्था में सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) अधिकतम करने के चयन मानदंडों में से एक विफल हो जाता है और साथ ही योजना के तहत कोई और पात्र कंपनी चुने जाने के मौके से वंचित रह जाती है।
एफएक्यू में कहा गया, "इसलिए, यदि कोई चयनित आवेदक किसी भी स्तर पर योजना के तहत मंजूरी के प्रस्ताव को अस्वीकार करता है या किसी भी कारण से पूर्ण प्रतिबद्ध निवेश किए बिना योजना से बाहर निकलता है, तो ऐसे मामले में, चयनित आवेदक द्वारा प्रस्तुत बैंक गारंटी प्रावधानों के अनुसार भुला ली जाएगी।"
इसमें कहा गया है ‘‘आवेदक को उसके द्वारा हासिल किये गये प्रोत्साहनों को लौटाना होगा। यह वापसी बयाज सहित करनी होगी। ब्याज स्टेट बैंक के एमसीएलआर की तीन साल की वार्षिक गणना पर आधारित होगा।
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