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नई दिल्ली। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) आईसीआईसीआई बैंक विवाद से जुड़ी विभिन्न कंपनियों पर गौर कर रहा है। यह विवाद आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर और कुछ कंपनियों को दिए ऋण के मामले में कथित हितों के टकराव से संबंधित है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि मंत्रालय आईसीआईसीआई बैंक के मामले को नहीं देख रहा है क्योंकि यह पूरी तरह से भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकार क्षेत्र में आता है। अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय आईसीआईसीआई बैंक मुद्दे में विवाद में सामने आई कंपनियों से जुड़े फर्जी, तरजीही और सामान्य से कम मूल्य वाले सौदों तथा अन्य लेनदेन को जांच परख कर रहा है। हालांकि, उन्होंने इसका ब्यौरा नहीं दिया।
गौरतलब है कि इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक और सीईओ चंदा कोचर और उनके परिवार पर वीडियोकॉन समूह को परस्पर लाभ के लिए ऋण उपलब्ध कराए जाने का आरोप है। आरोप है कि वीडियोकोन समूह ने ऋण मिलने के बदले न्यूपावर रिन्युएबल्स में पैसा लगाया। इस कंपनी के प्रवर्तक चंदा कोचर के पति दीपक कोचर हैं।
आईसीआईसीआई बैंक ने पिछले महीने ही इस पूरे मामले में स्वतंत्र जांच के आदेश दिए हैं। जांच के आदेश मामले में कोचर के खिलाफ एक अज्ञात व्हिसल ब्लोअर की शिकायत मिलने पर दिए गए।