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वित्‍त वर्ष 2016-17 के पहले 11 माह में कंपनियों ने NCD से जुटाए 29,000 करोड़ रुपए, कारोबारी जरूरतें होंगी पूरी

भारतीय कंपनियों ने बीते वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 11 महीनों में गैर परिवर्तनीय डिबेंचर (NCD) जारी कर 29,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं।

Abhishek Shrivastava
Updated : April 13, 2017 17:37 IST
वित्‍त वर्ष 2016-17 के पहले 11 माह में कंपनियों ने NCD से जुटाए 29,000 करोड़ रुपए, कारोबारी जरूरतें होंगी पूरी
वित्‍त वर्ष 2016-17 के पहले 11 माह में कंपनियों ने NCD से जुटाए 29,000 करोड़ रुपए, कारोबारी जरूरतें होंगी पूरी

नई दिल्ली। भारतीय कंपनियों ने बीते वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 11 महीनों में गैर परिवर्तनीय डिबेंचर (NCD) जारी कर 29,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं। कंपनियों द्वारा यह राशि अपनी कारोबारी जरूरतों को पूरा करने के लिए जुटाई गई है।

पूरे वित्त वर्ष 2015-16 में घरेलू कंपनियों ने इस मार्ग से 33,812 करोड़ रुपए जुटाए थे। यह राशि विस्तार योजनाओं, ऋण के बोझ को कम करने और कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने और अन्य सामान्य कंपनी कामकाज के लिए जुटाई गई है।

एनसीडी ऋण से जुड़े बांड होते हैं, जिन्‍हें शेयरों में नहीं बदला जा सकता। आमतौर पर इनमें परिवर्तनीय डिबेंचरों से अधिक ब्याज मिलता है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार कंपनियों ने 2016-17 में अप्रैल से फरवरी की अवधि के दौरान एनसीडी जारी कर 29,328 करोड़ रुपए की राशि जुटाई है।

आईएफसीआई ने मानक ऋण दर में 0.55 प्रतिशत कटौती की 

वित्तीय क्षेत्र की कंपनी आईएफसीआई ने बाजार प्रतिस्पर्धा को देखते हुए अपनी मानक ऋण दर में 0.55 प्रतिशत की कटौती की है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह अपनी मानक ऋण दर को 10.75 प्रतिशत से घटाकर 10.20 प्रतिशत कर रही है।

कंपनी ने कहा कि नई ऋण दरें 13 अप्रैल के बाद से प्रभावी होंगी। हालांकि कंपनी ने लघु अवधि ऋण की मानक दर में 0.45 प्रतिशत की वृद्धि की है और यह 8.35 प्रतिशत से बढ़कर 8.80 प्रतिशत हो गई है। यह तीन महीने की अवधि तक के ऋण पर मान्य होगा।

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