नई दिल्ली। फ्रेंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने सोमवार को कहा कि वह निवेशकों का पैसा जल्द से जल्द लौटाने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी ने हाल में नकदी संकट के चलते अपनी छह बांड योजनाओं को बंद कर दिया। कंपनी ने कहा कि योजनाओं को बंद करने का मतलब निवेशकों का पैसा डूबना नहीं है। फ्रेंकलिन टेम्पलटन एसेट मैनेजमेंट (इंडिया) के अध्यक्ष संजय सप्रे ने निवेशकों को भेजे एक संदेश में कहा कि जो योजनाएं बंद की गयी हैं, हम उनके निवेशकों को जल्द से जल्द पैसा लौटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही यह हमारे ब्रांड में निवेश करने वालों के विश्वास को बहाल करने की भी कोशिश है। कंपनी ने शुक्रवार को फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक एक्यूरल फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉर्चुनिटीज फंड जैसी छह बांड योजनाएं बंद करने की घोषणा की थी।
इन छह योजनाओं में निवेशकों की 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम फंसी है। कंपनी ने बांड बाजार में नकदी की कमी का हवाला देते हुए इन योजनाओं को स्वयं से बंद करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय ग्राहकों के हित को ध्यान में रखकर लिया गया है। सप्रे ने कहा कि फ्रेंकलिन टेम्पलटन ने भारत में बहुत पहले काम शुरू किया था। कंपनी ने यहां 25 साल से अधिक अवधि में दीर्घावधि कारोबार खड़ा किया है। उसके कुल वैश्विक कार्यबल का 33 प्रतिशत से अधिक भारत में रहता है। उन्होंने कहा कि कंपनी के वैश्विक मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेनी जॉनसन ने भी कहा है कि कंपनी भारत को लेकर प्रतिबद्ध है।