नई दिल्ली। ऑटो और टैक्सी चलाने के लिए कॉमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत को खत्म कर दिया गया है। अगर आपके सामान्य प्राइवेट ड्राइविंग लाइसेंस है तो अब आप कानूनी तौर पर ऑटो या टैक्सी चला सकते हैं। सड़क परिवहन मंत्रालय ने इस संदर्भ में सोमवार को राज्यों को एक एडवाइजरी जारी सुप्रीम कोर्ट के 2017 के आदेश का पालन करने को कहा है। अब प्राइवेट ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर कोई भी व्यक्ति टैक्सी, थ्री-व्हीलर्स, ई-रिक्शा और फूड डिलिवरी के लिए टू व्हीलर चला सकता है। हालांकि, आपको बताते चलें कि कॉमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस ट्रक, बस और दूसरे हेवी व्हीकल्स के लिए अनिवार्य रहेगा।
लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार
हाल तक किसी भी वाणिज्यिक वाहन की ड्राइविंग के लिए कॉमर्शियल लाइसेंस होना जरूरी था। विशेषज्ञों की मानें तो सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। आम तौर पर लोग प्राइवेट लाइसेंस लेने के एक साल बाद तक कॉमर्शियल लाइसेंस का इंतजार किया करते थे। टैक्सी, टेम्पो आदि जैसे वाहन के लिए कॉमर्शियल लाइसेंस की अनिवार्यता समाप्त किए जाने के बाद न सिर्फ लोगों को आसानी से रोजगार मिलेगा बल्कि कॉमर्शियल लाइसेंस प्राप्त करने से जुड़ा भ्रष्टाचार भी कम होगा। मंत्रालय के अनुसार, अब राज्यों को भी कॉमर्शियल वाहन चलाने का बैज जारी करना रोक देना चाहिए।
सड़क पर बढ़ सकती है भीड़
एक तरफ जहां यह कदम स्वागतयोग्य है वहीं इस बात की आशंका भी है कि टैक्सियों, टेम्पो और ई-रिक्श की संख्या बढ़ने से सड़क पर भीड़ बढ़ सकती है। दूसरी तरफ, एक तर्क यह भी दिया जा रहा है कि सार्वजनिक वाहन की उपलब्धता बढ़ने से प्राइवेट वाहनों पर निर्भरता घटेगी।