नई दिल्ली। वैश्विक कंसलटिंग कंपनी फ्रॉस्ट एंड सुलिवन ने विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) के पुनर्गठन पर अध्ययन किया है। इसका मकसद इसे व्यापार को प्रोत्साहन देने को गतिशील निकाय बनाना है। वाणिज्य मंत्रालय के तहत DGFT निर्यात और आयात के मामले देखता है।
एक अधिकारी ने कहा कि
एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और हम उसकी समीक्षा कर रहे हैं। वैश्विक व्यापार परिदृश्य में बदलाव तथा वस्तु एवं सेवाकर (GST) के क्रियान्वयन के मद्देनजर यह पुनर्गठन महत्वपूर्ण है।
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- यह कदम इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत वैश्विक व्यापार में अपनी हिस्सेदारी दो प्रतिशत से बढ़ाकर 2020 तक 3.5 प्रतिशत करने का लक्ष्य कर रहा है।
- विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को अपने व्यापार हितों को आगे बढ़ाने के लिए एक गतिशील संगठन की जरूरत है।
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जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विश्वजीत धार ने कहा,
हमें एक स्वतंत्र और गतिशील निर्यात संवर्द्धन संगठन की जरूरत है, जो लघु एवं मझोले उद्योग के व्यापारियों को सहयोग कर सके।