नई दिल्ली। वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि उसने सीमा शुल्क विभाग की तरफ से मंजूरी में देरी और बैंक से जुड़े मामलों समेत निर्यातकों तथा आयातकों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिये कोविड-19 सहायता प्रकोष्ठ शुरू किया है। मंत्रालय की इकाई विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए निर्यात और आयात की स्थिति तथा इससे जुड़े पक्षों की समस्याओं पर नजर रखने के लिये यह पहल की है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘डीजीएफटी ने कोविड-19 सहायता प्रकोष्ठ का गठन किया है। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय व्यापार से जुड़े मुद्दों का उपयुक्त समाधान निकालना और निर्यातकों तथा आयातकों की मदद करना है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि प्रकोष्ठ आयात और निर्यात लाइसेंस, सीमा शुल्क मंजूरी में देरी, आयात/निर्यात दस्तावेज तथा बैंक से जुड़े मामलों को देखेगा। मंत्रालय के अनुसार यह प्रकोष्ठ केंद्र एवं राज्य सरकारों के अन्य मंत्रालयों/विभागों/एजेंसियों से जुड़े मामलों में समन्वय कर उसका समाधान उपलब्ध कराएगा। संबंधित पक्ष डीजीएफटी की वेबसाइट पर अपनी उन समस्याओं की जानकारी दे सकते हैं जिसके लिये उन्हें मदद की जरूरत है। मंत्रालय ने कहा कि ‘डीजीएफटी हेल्पडेस्क सर्विसेज’ के तहत मामले के समाधान की स्थिति पर नजर रखी जा सकती है। इन मामलों के समाधान होने या उसके अद्यतन होने पर उसके बारे में ई-मेल और एसएमएस के जरिये जानकारी भी दी जाएगी।
इससे पहले सरकार ने नये आयातकों, निर्यातकों और सीमा शुल्क ब्रोकरों की पहचान के सत्यापन को अनिवार्य किया है। इसमें पैन (स्थायी खाता संख्या), आधार के साथ-साथ कारोबार स्थान का भौतिक रूप से सत्यापन शामिल है। सीमा शुल्क (पहचान सत्यापन और अनुपालन) नियमन, 2021 सीमा शुल्क प्राधिकरण को मौजूदा आयातकों, निर्यातकों और सीमा शुल्क ब्रोकरों की पहचान के सत्यापन का अधिकार देता है।
अगर किसी व्यक्ति को पहचान की पुष्टि के लिये चुना जाता है, उसे इस बारे में सूचना मिलने के 15 दिनों के भीतर ‘कॉमन पोर्टल’ पर संबंधित दस्तावेज सीमा शुल्क प्राधिकरण को उपलब्ध कराने होंगे। इन दस्तावेजों में कंपनी गठन से जुड़े दस्तावेज, पैन, जीएसटी पहचान संख्या, बैंक ब्योरा, आयकर रिटर्न आदि शामिल हैं। नियम में कहा गया है, ‘‘अगर कोई व्यक्ति नये नियमन बनने के बाद आयात या निर्यात गतिविधियों में शामिल होता है, उसे उक्त दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। ये दस्तावेज इन गतिविधियों में शामिल होने के 30 दिनों के भीतर उपलब्ध कराने होंगे।’’