नई दिल्ली। वाणिज्य मंत्रालय ने करीब सौ साल से भी अधिक पुराने सार्वजनिक खरीद इकाई आपूर्ति तथा निपटान महानिदेशालय (डीजीएसएंडडी) को 31 अक्टूबर 2017 को बंद कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है। इस इकाई को ब्रिटिश शासन के दौरान 1860 में स्थापित किया गया था। इसे बंद करने का निर्णय सार्वजनिक खरीद के लिए सरकारी ई-बाजार (जीईएम) के पिछले साल गठन किए जाने के बाद लिया गया है।
केंद्र और राज्य सरकारें 5 लाख करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद हर साल करती हैं। इसमें सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार और दलाली भी होती थी। पिछले साल मंत्रालय ने जीईएम को लॉन्च किया था, इसका उद्देश्य सार्वजनिक खरीद में अधिक पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाना है। जीईएम पोर्टल पर वेंडर रजिस्ट्रेशन, ऑर्डर प्लेसमेंट और पेमेंट प्रोसेस में मानव हस्तांतरण को लगभग खत्म कर दिया गया है। अब यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है।
मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि निदेशालय का परिचालन 31 अक्टूबर को बंद कर दिया गया है। इसे अपेक्षाकृत अधिक पारदर्शी जीईएम प्लेटफॉर्म से स्थानांतरित किया गया है। डीजीएसएंडडी के करीब 1100 कर्मचारियों को आयकर विभाग समेत विभिन्न विभागों में भेजा जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों को भी अन्य सरकारी विभागों में भेजे जाने की संभावना है।
डीजीएसएंडडी विभाग की देश भर में स्थित संपत्तियों को शहरी विकास मंत्रालय के भूमि एवं विकास कार्यालय को सौंपा जाएगा। निदेशालय के मुंबई, कोलकाता और चेन्नई समेत चार क्षेत्रीय कार्यालय हैं। यहां उसके मुख्यालय में 12 खरीद निदेशालय हैं। इनके अलावा इसके 20 कार्यालय व उपकेंद्र हैं।