नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश के आयात खर्च को कम करना चाहती है और आयातित उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करना चाहती है। केंद्र सरकार के इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने अधिक मात्रा में आयात होने वाले 102 उत्पादों की सूची जारी करते हुए संबंधित मंत्रालयों को इनके आयात में कमी लाने की दिशा में कदम उठाने की सलाह दी है।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि घरेलू स्तर पर इन उत्पादों की क्षमता को बढ़ाकर आयात पर निर्भरता कम की जा सकती है। इसके लिए इन उत्पादों से संबंधित मंत्रालयों को जरूरी कदम उठाने को कहा गया है। इनमें मुख्य रूप से कोकिंग कोयला, कुछ मशीनरी उपकरण, रसायन एवं डिजिटल कैमरा शामिल हैं। एक विश्लेषण के मुताबिक, इन उत्पादों के आयात में लगातार बढ़त का रुझान भी देखा गया है। लंबे समय तक ये उत्पाद आयात में ऊंची हिस्सेदारी रखते रहे हैं। मार्च-अगस्त 2021 की अवधि में ही इन 102 उत्पादों का आयात में कुल हिस्सा 57.66 फीसदी रहा है। अधिकारी ने कहा कि इन उत्पादों का घरेलू स्तर पर उत्पादन बढ़ाने के मौके हैं। इसके लिए वाणिज्य मंत्रालय ने संबंधित मंत्रालयों एवं विभागों को तत्काल कदम उठाने का सुझाव दिया है।
इस सूची में शामिल 102 उत्पादों में से 18 उत्पादों की आयात में हिस्सेदारी अधिक होने के साथ उनकी उच्च आयात वृद्धि दर भी रही है। इनमें सोना, पाम ऑयल, इंटिग्रेटेड सर्किट (आईसी), निजी कम्प्यूटर, यूरिया, स्टेनलेस स्टील टुकड़ा, रिफाइंड कॉपर, कैमरा, सूरजमुखी तेल और फॉस्फोरिक एसिड शामिल हैं। इन उत्पादों की पहचान करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि इन पर आयात निर्भरता कम करने की दिशा में कदम उठाए जाएं।
अधिकारी ने कहा कि आंकड़े भी यही बताते हैं कि इन उत्पादों की आयात के लिए मांग हर समय बनी रहती है। ऐसी स्थिति में घरेलू अर्थव्यवस्था में इनकी आपूर्ति संबंधी अड़चनों को दूर करने की जरूरत है। वाणिज्य मंत्रालय ने इन उत्पादों की सूची उद्योग मंत्रालय, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, खान मंत्रालय, भारी उद्योग, औषधि, इस्पात, तेल एवं प्राकृतिक गैस, उर्वरक, दूरसंचार, पोत-परिवहन, खाद्य प्रसंस्करण एवं कपड़ा मंत्रालयों के साथ साझा की है।
अप्रैल-अक्टूबर 2021 में भारत का मर्चेंडाइज आयात 331.29 अरब डॉलर रहा, जो अप्रैल-अक्टूबर 2020 के 185.38 अरब डॉलर के मुकाबले 78.71 प्रतिशत ज्यादा है। अप्रैल-अक्टूबर 2019 के दौरान आयात का यह आंकड़ा 286.07 अरब डॉलर था।
यह भी पढ़ें: एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद सरकार ने पेट्रोल में मिलाए जाने वाली इस चीज के बढ़ाए दाम
यह भी पढ़ें: दिल्ली में पेट्रोल की बिक्री 50 प्रतिशत घटी...
यह भी पढ़ें: PharmEasy भी होगी शेयर बाजार में लिस्टेड, API Holdings ने 6250 करोड़ रुपये के IPO के लिए जमा किए दस्तावेज
यह भी पढ़ें: Nykaa के शेयर ने निवेशकों को किया मालामाल, कंपनी का मार्केट कैप भी हुआ 1 लाख करोड़ रुपये के पार