नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने अगली विदेश व्यापार नीति के नियमन के लिए हितधारकों, उद्योग और व्यापार संघों से सुझाव मांगे हैं। मंत्रालय के तहत काम करने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने बृहस्पतिवार को एक अधिसूचना में कहा कि सुझावों को स्वीकार और विश्लेषित करने के लिए एक गूगल फॉर्म बनाया गया है। हितधारकों से उनके सुझाव ई्-मेल या पत्र के बजाय 15 दिन के भीतर इसी माध्यम से देने का आग्रह है। विदेश व्यापार नीति में देश से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नये दिशानिर्देश एवं नीतियों को शामिल किया जाता है।
देश का निर्यात कारोबार बढ़ने से आर्थिक वृद्धि एवं रोजगार निर्माण में मदद मिलती है। मौजूदा विदेश व्यापार नीति (2015-20) को 31 मार्च 2021 तक का विस्तार दिया गया है। महानिदेशालय ने अगली पंचवर्षीय विदेश व्यापार नीति के लिए विभिन्न हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए हैं। इनमें निर्यात संवर्द्धन परिषद, जिंस बोर्ड, व्यापार संगठन, उद्योग मंडल/संगठन, डीजीएफटी के सभी क्षेत्रीय प्राधिकारी और व्यापार एवं उद्योग से जुड़े सदस्य इत्यादि शामिल हैं। वित्त वर्ष 2011-12 से देश का निर्यात 300 अरब डॉलर के आसपास बना हुआ है। 2018-19 में यह 331 अरब डॉलर और 2019-20 में 314.3 अरब डॉलर रहा था।