नयी दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि आंकड़ों को स्थानीय स्तर पर रखे जाने को अनिवार्य बनाने वाले देशों के मामले में एच-1बी वीजा की संख्या सीमित करने की अमेरिका की योजना के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं मिली है। सरकार ने पिछले साल भुगतान सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों के लिए देश के नागरिकों से जुड़ी तमाम जानकारी और आंकड़ों को भारत में ही रखने को कहा है। इन जानकारियों को विदेश में नहीं देखा जा सकेगा। कुछ अमेरिकी कंपनियों ने भारत सरकार के इस कदम का विरोध किया है क्योंकि इसके लिए उन्हें अतिरिक्त निवेश करना होगा।
एक मीडिया रपट में कहा गया है कि भारत सरकार के इस प्रावधान से नाराज होकर अमेरिका एच-1बी वीजा की संख्या को सीमित करने पर विचार कर रहा है। यह वीजा अमेरिका में काम करने के लिये जाने वाले दूसरे देशों के पेशेवरों को दिया जाता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि इस मामले में अमेरिका की ओर से उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि हमें अमेरिका की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। हम इस मामले पर अमेरिका के साथ संपर्क जारी रखेंगे। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ की 25 से 27 जून के बीच होने वाली भारत यात्रा को लेकर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में रवीश कुमार ने यह जानकारी दी।
भारत एच-1बी वीजा एवं एल1 वीजा के लिए नियमों को कड़ा बनाये जाने का मुद्दा उठाता रहा है। भारतीय साफ्टवेयर इंजीनियरों को बड़ी संख्या में एच-1बी वीजा का लाभ मिलता रहा है। वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों ने भी इस बारे में कहा कि एच-1बी वीजा मामले में अमेरिका की ओर से कोई संदेश नहीं मिला है। सूचना-प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुड़े संगठन नैसकॉम ने भी अमेरिका को एच1-वीजा की संख्या सीमित करने को लेकर आगाह किया है। उसने कहा है कि इससे अमेरिकी कंपनियां प्रभावित होंगी क्योंकि उन्हें इस वीजा के जरिए कुशल पेशेवर मिलते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले साल अप्रैल में भुगतान कारोबार में लगी कंपनियों से ग्राहकों की जानकारी को विशेष तौर पर स्थानीय सर्वर पर ही रखने को कहा। इस आदेश के अनुपालन के लिये कंपनियों को छह माह की सख्त समयसीमा दी गई। कहा गया है कि वीजा और मास्टरकार्ड जैसी कंपनियां समय रहते इसका अनुपालन नहीं कर पाई।
H-1B Visa की संख्या पर कोई लिमिट तय नहीं कर रहा US
अमेरिका में काम करने वाले भारतीय पेशेवरों को अमेरिकी विदेश विभाग से राहत मिली है। अमेरिका ने कहा है कि अभी एच-1बी वीजा पर कैप लगाने की उसकी कोई योजना नहीं है। यानी अमेरिका फिलहाल तो एच-1बी वीजा की संख्या पर कोई सीमा लगाने वाला नहीं है। दरअसल, खबर थी कि अमेरिका ऐसे देशों को जारी किए जाने वाले एच-1बी वीजा की संख्या पर कैप लगाने पर विचार कर रहा है, जो कंपनियों का डेटा अपने देश में ही रखने पर जोर देते हैं।
दरअसल, भारत सरकार ने पिछले साल पेमेंट सॉल्यूशन कंपनीज के लिए देश के नागरिकों से जुड़ी तमाम जानकारी और आंकड़ों को भारत में ही रखने को कहा है। इन जानकारियों को विदेश में नहीं देखा जा सकेगा। कुछ अमेरिकी कंपनियों ने भारत सरकार के इस कदम का विरोध किया है क्योंकि इसके लिए उन्हें अतिरिक्त निवेश करना होगा। रिपोर्ट आई थी कि भारत सरकार के इस प्रावधान से नाराज होकर अमेरिका एच-1बी वीजा की संख्या को सीमित करने पर विचार कर रहा है। यह वीजा अमेरिका में काम करने के लिए जाने वाले दूसरे देशों के पेशेवरों को दिया जाता है।