नयी दिल्ली: चीन के खिलाफ भारत सरकार फिर सख्त हो गई है। भारत और चीन के बीच रिश्ते काफी समय से ठीक नही चल रहे है। भारत ने कुछ समय पहले ही चीन को सबक सिखाने के लिए उसपर आर्थिक हमला किया था जिसमें उसके कई एप्स पर बैन लगा दिया गया था इसके अलावा भी अन्य आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे लेकिन अब वाणिज्य मंत्रालय ने घरेलू कंपनियों को चीन से आने वाले सस्ते आयात से बचाने के लिए औषधि संबंधी कच्चे माल- सेफ्ट्रिएक्सोन सोडियम स्टेराइल - पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश कर दी है।
व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने अपनी जांच के बाद शुल्क लगाने की सिफारिश की है। जांच में कहा गया कि चीन से एपीआई (सक्रिय औषधि घटक) को भारत में बेहद कम कीमतों पर निर्यात किया गया है, जिससे घरेलू उद्योग प्रभावित हो रहा है। निदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘प्राधिकरण संबद्ध वस्तुओं के आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करता है।’’ सेफ्ट्रिएक्सोन सोडियम स्टेरिल एक एपीआई है, जिसका इस्तेमाल निचली श्वसन प्रणाली के संक्रमण, त्वचा के संक्रमण और सर्जिकल प्रोफिलैक्सिस जैसी बीमारी के इलाज में किया जाता है।
डीजीटीआर ने नेक्टर लाइफ साइंसेज और स्टेराइल इंडिया की शिकायत के बाद डंपिंग के बारे में जांच की थी। महानिदेशालय ने 12.91 डॉलर प्रति किलोग्राम का डंपिंग शुल्क लगाने की सिफारिश की है। इस बारे में अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय लेता है। डीजीटीआर ने एक अलग अधिसूचना में कहा कि उसने चीन से एल्यूमिनियम फॉयल पर डंपिंग रोधी शुल्क जारी रखने के संबंध में एक समीक्षा जांच शुरू की है। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की व्यवस्था के तहत डंपिंग रोधी शुल्क लगाया जा सकता है।