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चीन से हो रहा भारत को नुकसान, वाणिज्‍य मंत्रालय ने दिया एल्‍यूमिनियम उत्‍पादों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने का सुझाव

अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों के मुताबिक, एक देश अपने घरेलू विनिर्माताओं को एक समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए ऐसे सस्ते उत्पादों के आयात पर शुल्क लगाने के लिए स्वतंत्र है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: September 10, 2021 15:44 IST
Comm Min recommends anti dumping duty on certain aluminium items from China- India TV Paisa
Photo:AP

Comm Min recommends anti dumping duty on certain aluminium items from China

नई दिल्‍ली। चीन से आयात होने वाले सस्‍ते एल्‍यूमिनियम उत्‍पादों की वजह से भारत के घरेलू विनिर्माताओं को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। वाणिज्‍य मंत्रालय की जांच इकाई डीजीटीआर ने चीन से आने वाले कुछ एल्‍यूमिनियम उत्‍पादों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने की सिफारिश की है। इस सिफारिश का उद्देश्‍य घरेलू विनिर्माताओं को सस्‍ते आयात से होने वाले नुकसान के प्रति सुरक्षा प्रदान करना है। व्‍यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) ने अपनी जांच में यह पाया है कि चीन से आयात किए जाने वाले एल्‍यूमिनियम के कुछ फ्लैट-रोल्‍ड उत्‍पादों के सस्‍ते आयात की वजह से घरेलू उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

डीजीटीआर ने अपनी एक अधिसूचना में कहा कि सस्‍ते आयात की वजह से घरेलू उद्योग को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इसमें आगे कहा गया है कि प्राधिकार ने चीन में उत्‍पादित और वहां से निर्यात होने वाले एल्‍यूमिनियम उत्‍पादों के आयात पर एंटी डंपिंग ड्यूटी को लगाने की सिफारि‍श करना अनिवार्य समझा है।   

डीजीटीआर ने आयात पर 65 डॉलर प्रति टन से लेकर 449 डॉलर प्रति टन तक का शुल्‍क लगाने की सिफारिश की है। एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने का अंतिम निर्णय वित्‍त मंत्रालय लेगा। अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार प्रथा में, डंपिंग उसे कहते हैं जब एक देश या एक कंपनी अपने घरेलू बाजार में उत्‍पाद के मूल्‍य से कम कीमत पर किसी उत्‍पाद का निर्यात करता है।  

डंपिंग से आयातक देश में उस उत्‍पाद की कीमत पर असर पड़ता है और विनिर्माता कंपनियों के मार्जिन एवं लाभ पर बुरा असर पड़ता है। अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार नियमों के मुताबिक, एक देश अपने घरेलू विनिर्माताओं को एक समान अवसर उपलब्‍ध कराने के लिए ऐसे सस्‍ते उत्‍पादों के आयात पर शुल्‍क लगाने के लिए स्‍वतंत्र है। यह शुल्‍क केवल एक न्‍यायिक संस्‍था द्वारा जांच के बाद ही लगाया जा सकता है। भारत में यह काम डीजीटीआर करता है।

विश्‍व व्‍यापार संगठन (डब्‍ल्‍यूटीओ) की व्‍यवस्‍था के तहत एंटी डंपिंग ड्यूटी को लगाने की अनुमति दी गई है। भारत और चीन डब्‍ल्‍यूटीओ के सदस्‍य हैं। डब्‍ल्‍यूटीओ का मुख्‍यालय जिनेवा में है, जो वैश्विक व्‍यापार नियमों को बनाने वाली प्रमुख संस्‍था है। एंटी डंपिंग ड्यूटी का उद्देश्‍य निष्‍पक्ष व्‍यापार प्रथाओं को सुनिश्‍चित करना और घरेलू उत्‍पादों और विदेशी उत्‍पादकों एवं निर्यातकों के लिए समान अवसर प्रदान करना है।   

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