नई दिल्ली। पाकिस्तान भले ही भारत के सामने सीनाजोरी दिखाता फिरे लेकिन भारत के सामने उसकी हैसियत बहुत छोटी है। आर्थिक मोर्चे पर ही देख लें, भारत जहां दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है वहीं पाकिस्तान का कहीं इस लिस्ट में नाम भी नहीं है। पाकिस्तान की हैसियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके शेयर बाजार में लिस्टेड सभी कंपनियों को बेचकर अगर भारतीय कंपनी को खरीदना पड़ जाए तो वह भारत एक कपंनी की खरीद भी नहीं कर पाएंगे।
वीकिपीडिया के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान की कराची स्टॉक एक्सचेंज में कुल 576 कंपनियां लिस्टेड हैं और उन सभी कंपनियों की कुल मार्केट वेल्यू 9.2 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपए यानि सिर्फ 87 अरब डॉलर है। यानि पाकिस्तान के शेयर बाजार में लिस्ट सभी कंपनियों की कुल कीमत 87 अरब डॉलर बैठती है।
वहीं भारत की बात करें तो हाल ही में टाटा ग्रुप की कंपनी टीसीएस 100 अरब डॉलर कीमत को पार कर चुकी है, टीसीएस के बाद रिलायंस इंडस्ट्री की मार्केट वेल्यू भी बढ़कर 93-94 अरब डॉलर हो गई है, इसके अलावा एचडीएफसी बैंक की कुल मार्केट वेल्यू 78-79 अरब डॉलर के करीब है। कुल मिलाकर भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों की मार्केट वेल्यू 1630 अरब डॉलर के पार है।
ऐसे में पाकिस्तान चाहे जितनी भी सीनाजोरी दिखा दे वह भारत के मुकाबले में कहीं भी नहीं दिख रहा, और मौजूदा समय में वहां पर जिस तरह के हालात हैं उसे देखते हुए लग भी नहीं रहा कि आर्थिक मोर्चे पर वह कभी भारत के सामने टिक पाएगा।