नई दिल्ली। सरकार ने तमिलनाडु के कोलाचल के पास इनायम में एक बड़े बंदरगाह के निर्माण की अनुमति दे दी। इसकी अनुमानित लागत 25,000 करोड़ रुपए बैठेगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि इससे कोलाचल बंदरगाह एक प्रमुख केंद्र बन जाएगा और क्षेत्र में व्यापार व मत्स्य पालन को बल मिलेगा। पोत परिवहन मंत्री गडकरी ने कहा, इनायम वैश्विक पूर्व-पश्चिम अंतरराष्ट्रीय व्यापार मार्ग है। रणनीतिक मार्ग में आने के बावजूद भारत में कोई पोतांतरण (ट्रांसशिपमेंट) बंदरगाह नहीं है। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद यहां बनने वाला बंदरगाह पोतांतरण का केंद्र बन जाएगा।
इस पर काम अगले साल शुरु होगा। इस अवसर पर पोत परिवहन राज्यमंत्री पोन राधाकृष्णन भी मौजूद थे। इससे पहले दिन में संचार एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया से बातचीत में कहा, मंत्रिमंडल ने तमिलनाडु के इनायम में कोलाचल के पास एक प्रमुख बंदरगाह के निर्माण की अनुमति दे दी है। सरकार ने कहा है कि इस बंदरगाह के विकास के लिए एक विशेष इकाई (एसपीवी) बनाई जाएगी, जो माल के लिए कंटेनर बंदरगाह को प्रमुख गेटवे के रूप में काम करेगी।
एक अधिकारी ने कहा, इनायम में बड़ा बंदरगाह न केवल भारतीय सामान के लिए प्रमुख गेटवे कंटेनर बंदरगाह के रूप में काम करेगा, बल्कि यह वैश्विक पूर्वी-पश्चिमी व्यापार मार्ग के लिए पोतांतरण हब के रूप में भी काम करेगा। अधिकारी ने कहा कि परियोजना की कुल लागत 25,000 करोड़ रुपए होगी। इसमें चरण एक भी शामिल है जिसका क्रियान्वयन 6,575 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि पहले चरण में टर्मिनल बर्थ, यार्ड तथा उपकरणों पर निजी आपरेटर 2,500 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। यह परियोजना काफी समय से लंबित थी।
यह भी पढ़ें- तटीय नौवहन से माल ढुलाई से सालाना 40,000 करोड़ रुपए की बचत होगी: सरकार
यह भी पढ़ें- प्रमुख बंदरगाहों और संस्थानों से 8,000 करोड़ रुपए के मुनाफे का लक्ष्य: गडकरी