नई दिल्ली। दुनिया की प्रमुख सॉफ्टड्रिंक कंपनी कोका-कोला ने भारत से कारोबार समेटने की चेतावनी दी है। कंपनी ने कहा है कि यदि जीएसटी पर गठित अरविंद सुब्रमणियन समिति की सिफारिशों को सरकार मान लेती है तो कंपनी को भारत में अपने सभी 56 प्लांट्स को बंद करने पर फैसला लेना पड़ सकता है। सुब्रमणियम केमेटी ने सॉफ्टड्रिंक कंपनियों पर 40 फीसदी सिन टैक्स लगाने की सिफारिश की है।
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कंपनी पर पड़ेगी 15000 करोड़ के टैक्स की मार
कंपनी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि एक ओर केंद्र सरकार मेक इन इंडिया को बढ़ावा दे रही है। वहीं जीएसटी के माध्यम से कंपनियों पर भारी टैक्स थोप रही है। कोकाकोला के अनुसार नए टैक्स से कंपनी पर 15000 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। वहीं इससे सॉफ्टड्रिंक की डिमांड भी तेजी से घट सकती है। ऐसे में कंपनी के पास अपने प्लांट बंद करने के सिवाए दूसरा चारा नहीं बचेगा। उल्लेखनीय है कि कोकाकोला और पेप्सी जैसी दो मल्टीनेशनल कंपनियां भारत में अपने कारोबार और प्लांट कैपिसिटी के विस्तार पर वर्ष 2020 तक 61000 करोड़ से 63000 करोड़ रुपए खर्च करने की घोषणा कर चुकी हैं। प्लांट बंद होने से इस निवेश को भी झटका लग सकता है।
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क्या है सिन टैक्स
बीते हफ्ते मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने जीएसटी के तहत तंबाकू, सॉफ्ट ड्रिंरक्स और लक्जरी कारों जैसे उत्पादों पर “सिन” टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया है। उनकी अगुआई वाले पैनल ने तीन तरह के रेट स्ट्रक्चर की सिफारिश की है। इनमें 12, 17/18 और 40 फीसद का टैक्स शामिल है। सॉफ्ट ड्रिंक अंतिम श्रेणी में है। 14 हजार करोड़ की सॉफ्ट ड्रिंक इंडस्ट्री पर फिलहाल 18 फीसदी उत्पाद शुल्क है।