नई दिल्ली: कोका-कोला ने हजारों नौकरियों में कटौती करने का फैसला लिया है। कंपनी अपनी व्यापार इकाइयों की संख्या को भी कम करेगी। कंपनी ने यह फैसला कोरोनो वायरस महामारी में घटती पेय की बिक्री के कारण लिया है। कोक ने अधिकारिक बयान में कहा कि नौकरी में कटौती स्वैच्छिक और अनैच्छिक कटौती के रूप में होगी।
कंपनी पहले संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और प्यूर्टो रिको में 4,000 कर्मचारियों की कटौती करेगी और फिर अन्य देशों में इसी तरह के स्वैच्छिक कार्यक्रम देखने को मिलेंगे। कंपनी ने कहा कि ऐसे में अनैच्छिक छंटनी की संख्या कम होगी।
अमेरिकी ब्रांड कोका कोला जो दर्जनों जूस, पानी और शीतल पेय का निर्माता है। इस कंपनी ने कहा कि यह वर्तमान में 17 में से 9 व्यावसायिक इकाइयों में कटौती करने की योजना बना रहा है। लेकिन कर्मचारियों को निकालने के हालत में मुआवजे देने के लिए 350 से 550 मिलियन डॉलर खर्च किये जाएंगे। कोका-कोला की दूसरी तिमाही जो 26 जून को समाप्त हुई इसमें कंपनी की बिक्री 28 प्रतिशत घटकर 7.2 बिलियन डॉलर हो गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक 31 दिसंबर 2019 तक कोक के 86,200 कर्मचारी थे, जिनमें से लगभग 10,100 संयुक्त राज्य में स्थित थे।
कोक अपने सबसे लोकप्रिय सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जिसमें इसकी मुख्य कोका-कोला लाइन और स्पोर्ट्स ड्रिंक, कॉफ़ी और चाय जैसे उत्पाद शामिल हैं। कंपनी स्पार्कलिंग वॉटर और प्लांट-आधारित पेय जैसी बढ़ती श्रेणियों में विस्तार करना चाहती है।
चालू वित्त वर्ष में कर्मचारियों के वेतन में हुई मात्र 3.6 प्रतिशत की वृद्धि: सर्वे
कोरोना वायरस महामारी के बीच कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अपने कर्मचारियों को औसतन 3.6 प्रतिशत की वेतनवृद्धि दी है। पिछले वित्त वर्ष में कर्मचारियों का वेतन औसतन 8.6 प्रतिशत बढ़ा था। प्रमुख परामर्शक कंपनी डेलॉयट टच तोहमात्सु इंडिया एलएलपी के एक सर्वे में यह तथ्य सामने आया है। सर्वे के अनुसार चालू वित्त वर्ष में कर्मचारियों की वेतनवृद्धि में दो चीजों ‘समय’ और कोविड-19 के प्रभाव ने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस सर्वे में कहा गया है, ‘‘जिन संगठनों ने मार्च, 2020 में लॉकडाउन शुरू होने से पहले वेतनवृद्धि के बारे में फैसला कर लिया था, उन्होंने अन्य कंपनियों की तुलना में अपने कर्मचारियों को अधिक वेतनवृद्धि दी है। वहीं बड़ी संख्या में कंपनियों का मानना है कि कोविड-19 की वजह से 2020-21 में उनकी आमदनी में 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आएगी। ऐसी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को कमोबेश कम वेतनवृद्धि दी है।’’
कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च को देश में राष्ट्रव्यापी बंद लागू किया गया था। मई के अंत में हालांकि अंकुशों में ढील दी गई। लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से कुछ राज्यों में अंकुश जारी रहे। इससे आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुईं। वर्ष 2020 का दूसरे चरण का श्रमबल और वेतनवृद्धि सर्वे जून, 2020 में शुरू किया गया। इसमें 350 कंपनियों ने भाग लिया।
सर्वे के अनुसार, ‘‘10 में से सिर्फ चार कंपनियों ने 2020 में कर्मचारियों को वेतनवृद्धि दी है। 33 प्रतिशत कंपनियों ने कर्मचारियों के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला किया है। वहीं अन्य कंपनियों ने अभी इस पर फैसला नहीं किया है। इस हिसाब से 2020 में औसत वेतनवृद्धि 3.6 प्रतिशत बैठती है, जो पिछले साल से आधी से भी कम है। पिछले साल कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को 8.6 प्रतिशत की वेतनवृद्धि दी थी।’’
सर्वे में कहा गया है कि वेतनवृद्धि का यह आंकड़ा दशकों में सबसे कम है। डेलॉयट ने कहा है कि यदि सर्वे में सिर्फ उन संगठनों को लिया जाए, जिन्होंने अपने कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया है, तो औसत वेतनवृद्धि 7.5 प्रतिशत बैठती है। चालू वित्त वर्ष में ऐसी कंपनियों की संख्या 10 प्रतिशत से भी कम है जिन्होंने अपने कर्मचारियों को 10 प्रतिशत से अधिक की वेतनवृद्धि दी है।