केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश भरत परासर ने मध्य प्रदेश के थेसोगोरा बी/रूद्रपुरी कोयला ब्लॉक को गैर कानूनी तरीके से कमल स्पॉन्ज स्टील एंड पॉवर लिमिटेड को आवंटित करने के मामले में कोयला मंत्रालय के पूर्व सचिव गुप्ता तथा मंत्रालय के दो अन्य पूर्व अधिकारियों के.एस.क्रोफा तथा के.सी.सामरिया को दो साल कैद की सजा सुनाई। अदालत ने पूर्व अधिकारियों पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। केएसएसपीएल के प्रबंध निदेशक पवन कुमार अहलूवालिया को तीन साल जेल तथा 30 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई। अदालत ने कमल स्पॉन्ज कंपनी पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।
सीबीआई ने कंपनी तथा अन्य पर कोयला ब्लॉक पाने के लिए कंपनी की संपत्ति को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने सहित तथ्यों को गलत ढंग से पेश करने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की थी। विभिन्न कोयला ब्लॉक के आवंटन को लेकर गुप्ता के खिलाफ नौ मुकदमे चल रहे हैं। खासतौर पर कोयला आवंटन के मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत का यह तीसरा फैसला है। सीबीआई तथा ईडी ने 20 से अधिक मामलों की जांच की है, जो अदालत में लंबित पड़े हैं। चार अप्रैल, 2016 को विशेष अदालत ने कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों को चार साल जेल की सजा सुनाई थी।