नई दिल्ली। स्टील और कोयला जैसे सेक्टरों को कोयला ब्लॉक का आवंटन ऑक्शन के जरिये किया जाएगा। सरकार ने यह फैसला इसलिए किया है कि ताकि आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। ये उद्योग कोयला स्रोत आवंटन के मामले में गैर विनियमित क्षेत्र में आते हैं।
बिजली एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट बैठक के बाद बताया कि यह फैसला मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में लिया गया है। उन्होंने बताया कि सीसीईए ने गैर विनियमित क्षेत्रों को सिर्फ ऑक्शन के जरिये कोयला ब्लॉक देने की अनुमति दी है। इन क्षेत्रों में सीमेंट, स्टील, स्पन्ज आयरन, अल्युमीनियम और अन्य (उर्वरक व यूरिया को छोड़कर) क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस रूपरेखा का मकसद अंतिम रूप से कोयले का उपभोग करने वाली यूनिट को निष्पक्ष तरीके से कोयला स्रोत सुलभ कराना है। गोयल ने कहा कि प्रस्तावित ऑक्शन के तरीके में मूल्य बाजार व्यवस्था के जरिये तय किया जाएगा। इसमें राजस्व को अधिकतम करने का उद्देश्य नहीं होगा। इसमें यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि गैर विनियमित क्षेत्र के सभी भागीदारों को कोयला ब्लॉक पाने का उचित अवसर उपलब्ध हो।
कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने कहा कि पहले साल करीब 2.4 करोड़ टन के कोयला ब्लॉकों की नीलामी होगी। गोयल ने इससे पहले कहा था कि सरकार कोयला ब्लॉक नीलामी की नीति पर विचार कर रही है। प्रतिबद्धता की गारंटी देने के बाद आश्वासन पत्र (एलओए) जारी किया जाएगा। उसके बाद निर्धारित समय में एलओए की शर्तें पूरी करने के बाद ईंधन आपूर्ति करार (एफएसए) का क्रियान्वयन किया जाएगा।