नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया चालू वित्त वर्ष में अपने 55 करोड़ टन उत्पादन लक्ष्य से एक से डेढ़ करोड़ टन पीछे रहेगी। कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने कहा, मौजूदा परिस्थितियों में कोल इंडिया का 55 करोड़ टन का लक्ष्य अब मुश्किल नजर आता है। मेरा अनुमान है कि उनका उत्पादन 53.5 से 54 करोड़ टन के बीच रहेगा।
घरेलू कोयला उत्पादन में कोल इंडिया की हिस्सेदारी करीब 80 प्रतिशत है। कंपनी ने अपने उत्पादन को दोगुना कर एक अरब टन पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। स्वरूप ने कहा, मांग बढ़ी है, लेकिन यह उस दर से नहीं बढ़ी जितनी उम्मीद थी। बिजली वितरण कंपनियों की स्थिति की वजह से ऐसा हुआ है। ऐसे में बिजली क्षेत्र के लिए मांग नहीं बढ़ी है। इससे बिजली क्षेत्र का उत्पादन भी नहीं बढ़ पा रहा है, जिससे कोयले का उठाव भी उस स्तर पर नहीं पहुंच पाया है।
एक अन्य सवाल के जवाब में सचिव ने कहा कि कोयला कंपनी ने एक या दो खानों पर उत्पादन अस्थायी रूप से रोका है क्योंकि उन ब्लॉकों पर कोयले का भंडार जमा हो गया है। स्वरूप ने बताया कि पिछले साल नीलामी की गई नौ खानों में उत्पादन शुरू हो गया है और वहां से एक करोड़ टन कोयले का उत्पादन हो रहा है। इससे पहले सरकार ने कहा था कि पिछले साल आवंटित की गई 15 और कोयला खानों से इस महीने के अंत तक उत्पादन शुरू हो जाएगा।