नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी कोयला कंपनी कोल इंडिया लि. (सीआईएल) अपनी स्वच्छ ऊर्जा पहल को प्रोत्साहन के लिए सालाना 6.76 लाख टन मेथनॉल का उत्पादन करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। कंपनी के चेयरमैन अनिल कुमार झा ने यह जानकारी दी। इसी के साथ कोल इंडिया ने सरकार से कोयला निर्यात योजना की मांग भी रखी है।
कंपनी का यह बयान ऐसे समय आया है जबकि सरकार वैकल्पिक ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने तथा इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने पर काम कर रही है। झा ने कहा कि मेथनॉल उत्पादन की दिशा में कदम उठाया गया है। केंद्र ने हाल में कोल सीम से प्राकृतिक गैस, कोल बेड मीथेन के उत्खनन के नियमों को सु्गम किया है।
इससे पहले कोल इंडिया लि.ने अपनी कोल सीम से सीबीएम निकालने के लिए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पास लाइसेंस को आवेदन किया था। अब सरकार ने इस तरह की किसी जरूरत को समाप्त कर दिया है।
कोयला निर्यात नीति की मांग
कोल इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोयला निर्यात नीति जरूरी है। हम निर्यात को लेकर आक्रमक नहीं है क्योंकि हम घरेलू बाजार में उच्च मांग का सामना कर रहे हैं और हमारा शुरुआती मकसद इसे पूरा करना है। उसने कहा हम नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के साथ निर्यात के लिये बातचीत की प्रक्रिया में हैं। इसका उद्देश्य दीर्घकाल के लिये बाजार सृजित करना है। द्विपक्षीय समझौतों के जरिये काफी कम मात्रा में कोयले का निर्यात पड़ोसी देशों को किया जाता है।