बचाव पक्ष के वकीलों ने मामले में बहस की तैयारी के लिए और समय मांगा, जिसके बाद विशेष न्यायाधीश भारत पाराशर ने अंतरिम जमानत की अवधि 25 मई तक बढ़ा दी। बचाव पक्ष के वकीलों ने अदालत को बताया कि उनके पास मामले के पूरे दस्तावेज और आरोपपत्र नहीं हैं। उसके बाद अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक अधिकारी को आरोपपत्र की प्रतियां उपलब्ध कराने तक मौजूद रहने का निर्देश दिया।
सीबीआई का आरोप है कि पांचों व्यक्ति नई दिल्ली एक्जिम, जिंदल रियलिटी से सौभाग्य मीडिया लिमिटेड (एसएमएल) के खाते में दो करोड़ रुपए के हस्तांतरण के मामले में सक्रिय रूप से शामिल थे। सीबीआई ने साथ ही कहा है कि झारखंड के अमरकोंडा मुर्गदंगल कोयला ब्लॉक और गगन स्पॉन्ज के आवंटन में जिंदल स्टील को लाभ पहुंचाने के लिए पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव की कंपनी सौभाग्य मीडिया के खाते में पैसा हस्तांतरित किया गया था। हालांकि आरोपियों ने सभी आरोपों से इंकार किया है।