नई दिल्ली। कोयला ब्लॉकों की नीलामी से देश के खजाने में 3.45 लाख करोड़ रुपए की प्राप्ति होगी तथा एलपीजी सब्सिडी को प्रत्यक्ष लाभांतरण योजना से जोड़कर इसका दुरुपयोग रोकने से सरकार को 36,500 करोड़ रुपए की बचत होगी। अपनी दो साल की उपलब्धियों को गिनाते हुए सरकार ने कहा कि पहले 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में कुछ चुनिंदा लोगों की तिजोरियां भरीं जबकि स्पेक्ट्रम की निलामी की वर्तमान व्यवस्था में देश को 1.09 लाख करोड़ रुपए प्राप्त हुए। पहले कोयला ब्लॉक आवंटन जहां भ्रष्टाचार में डूबा हुआ था वहीं अब इसकी नीलामी से सरकारी खजाने में को 3.45 लाख करोड़ रुपए की प्राप्ति सुनिश्चित हुई है।
इसके अलावा सरकार ने बताया कि LPG सब्सिडी का रिसाव रोकने के साथ फर्जी लाभदाताओं के नामों को हटाया है। इसके बाद इसे प्रत्यक्ष लाभांतरण योजना से जोड़ा गया जिसके चलते सरकार को 36,500 करोड़ रुपए की बचत हुई है। यह कार्यक्रम 01 जनवरी, 2013 में शुरू हुआ था अब इसके समग्र रूप से लागू किया जा रहा है। गौरतलब है कि नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक ने संसद में 2012 में एक रिपोर्ट को पटल पर रखा था जिसमें कोयला ब्लॉकों के आवंटन से देश के खजाने को 1.86 लाख करोड़ का अनुमानित नुकसान होने की बात कही गई थी।
सरकार का कहना है कि कालेधन को बाहर निकालने की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है और कर चोरी करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है। इन्हीं प्रयासों के तहत सेवाकर, उत्पाद शुल्क और सीमा कर जैसे अप्रत्य करों की चोरी के 50,000 करोड़ रुपए के मामले पकड़े गए हैं और सरकार को 21,000 करोड़ रुपए की आय हुई है। सरकार ने अबकी बार, मिटा भ्रष्टाचार शीर्षक इस विज्ञापन में ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल के भ्रष्टाचार सूचकांक में भारत की रैंकिंग में सुधार का जिक्र किया गया है। विज्ञापन में रैंकिंग का उल्लेख नहीं किया गया है।
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