नयी दिल्ली। संकट में फंसे कारोबारी जिग्नेश शाह ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के को-लोकेशन मामले में पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम और अन्य की भूमिका की मांग की है। शाह ने इसे 'बड़े सफेदपोशों का अपराध' बताया है और कहा है कि इसमें एक सेकेंड से भी कम समय में अरबों डॉलर की गैर कानूनी कमाई की जा सकती है।
को-लोकेशन का मामला एक जगह विशेष पर लगे कुछ शेयर ब्रोकरों के सर्वर पर शेयर बाजार से जुड़ी सूचनाएं कथित रूप से कुछ पहले पहुंचाने से संबंधित है। उन्होंने सरकार से कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि कैसे एक शीर्ष शेयर बाजार ने कुछ चुनिंदा ब्रोकरों को एक तरजीह सुविधा दी थी। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले में सेकेंड के एक छोटे अंश भी में अरबों डॉलर अवैध तरीके से लाभ कमाया जा सकता है। शाह ने छह द्वीपों पर 14 एक्सचेंज शुरू किए थे। इसमें शीर्ष जिंस एक्सचेंज एमसीएक्स भी है। इस वजह से शाह को 'भारत का एक्सजेंस मैन' भी कहा जाता था।
फाइनेंशियल टेक्लोलॉजीज समूह के पूर्ववर्ती कृषि जिंस एक्सचेंज एनएसईएल में 5,600 करोड़ रुपए की भुगतान चूक के बाद शाह को अपने इन सभी कारोबारों से हटना पड़ा था। शाह ने अपने कारोबारी साम्राज्य के समक्ष आई सभी दिक्क्तों के लिए चिदंबरम को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि यदि उनके सामने गैरकानूनी अड़चनें पैदा नहीं की गई होतीं तो भारत विश्व वित्तीय बाजार के लिए 'कीमत तय' करने वाला बन सकता था।
शाह ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा, 'हमने एक बड़ा अवसर गंवा दिया। हमने जो भी एक्सचेंज स्थापित किए उनमें हम शीर्ष पर थे और हम जो शेयर बाजार शुरू करने जा रहे थे उनमें भी इसे दोहराते।' उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया का शीर्ष वित्तीय बाजार बनने का अवसर गंवा दिया और हम उसी रफ्तार को फिर से नहीं पाया जा सकता क्योंकि एक्सचेंज क्षेत्र अब उस स्तर पर वापस जा चुका है जहां यह कई साल पहले होता था।
चिदंबरम पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री ने अपने प्रिय एक्सचेंज के हितों के संरक्षण के लिए उन्हें निशाना बनाया। एमसीएक्स-एसएक्स की वजह से उन एक्सचेंजों का दबदबा कम हो रहा है। एमसीएक्स-एसएक्स को पूर्व शेयर बाजार के संचालन का लाइसेंस मिल गया था और एनएसईएल संकट शुरू होने से पहले हम पूर्ण परिचालन शुरू करने की तैयारी में थे। पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम इस समय एक अन्य मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। वहीं एनएसई के अधिकारियों ने एनएसईएल मामले में किसी भूमिका से इनकार किया है। उन्होंने इन आरोपों को भी खारिज किया कि को लोकेशन सुविधा के जरिये चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाया गया।