नई दिल्ली। चीन की ई-रिटेलर क्लब फैक्टरी ने भारत में शीर्ष तीन ई-कॉमर्स कंपनियों में आने का लक्ष्य रखा है। क्लब फैक्टरी उसके प्लेटफॉर्म पर आने वाले विक्रेताओं को शून्य प्रतिशत कमीशन की रणनीति के जरिये आकर्षित करेगी। कंपनी उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए निवेश भी बढ़ा रही है।
पिछले महीने कंपनी ने घोषणा की थी कि वह इस साल 10,000 विक्रेताओं को अपने प्लेटफॉर्म से जोड़ेगी। कंपनी का दावा है कि इस घोषणा के बाद से वह 5,000 विक्रेताओं को जोड़ भी चुकी है। क्लब फैक्टरी के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी विन्सेंट लोउ ने कहा कि भारत में तेज वृद्धि और सफलता हासिल करने के बाद हमें उम्मीद है कि भारतीय ई-कॉमर्स बाजार का भविष्य एफएसी (फ्लिपकार्ट, अमेजन, क्लब फैक्टरी) होगा। हम अपनी शून्य प्रतिशत कमीशन की रणनीति के जरिये स्थानीय लघु एवं मझोले उपक्रमों को सशक्त कर रहे हैं और साथ ही पारिस्थितिकी तंत्र में उल्लेखनीय निवेश कर रहे हैं ताकि बढ़ती उपभोक्ता मांग को पूरा किया जा सके।
कंपनी ने भारत में अपने विक्रेताओं की नियुक्ति का कार्यक्रम शुरू किया है। कंपनी लाइफस्टाइल, फैशन, एक्सेसरीज, गैजेट्स और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा घरेलू उपकरण उत्पाद पेश कर रही है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिये विक्रेताओं को बाजार शुल्क की छूट और शून्य कमीशन से अन्य प्लेटफॉर्म की तुलना में लागत में 20 से 30 प्रतिशत की बचत हो रही है। इसका लाभ उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है। कंपनी प्रशिक्षण भी दे रही है और साथ ही अपने मंच पर विक्रेताओं को समर्थन प्रदान कर रही है।
फ्लिपकार्ट पर अब हिंदी में खरीदारी
वॉलमार्ट के मालिकाना हक वाली देश की प्रमुख ई-वाणिज्य कंपनी फ्लिपकार्ट ने अपनी सेवाएं हिंदी में शुरू करने की घोषणा की है। भाषा की इस सुगमता से कंपनी को 20 करोड़ अतिरिक्त ग्राहक जोड़ने में मदद मिलने की उम्मीद है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसने हिंदी इंटरफेस की शुरुआत त्यौहारी सीजन की बिक्री को ध्यान में रखते हुए की है। इससे दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों से ऑनलाइन और अपनी मातृभाषा में इंटरनेट का इस्तेमाल करने में सहज ग्राहकों को उसके मंच से जुड़ने में मदद मिलेगी। उद्योग से जुड़ा एक अध्ययन बताता है कि भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले 90 फीसदी नए उपयोक्ता मातृभाषा का इस्तेमाल करते हैं।
बयान में कहा गया है कि हिंदी में सेवा उपलब्ध होने से फ्लिपकार्ट के उपयोक्ता अपने मनचाहे उत्पादों की सभी सूचनाएं और खोज परिणाम हिंदी में देख सकेंगे। हिंदी के उपयोक्ताओं की संख्या 2021 तक अंग्रेजी से आगे निकल जाएगी।