मुंबई। तमिलनाडु स्थित लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) के मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक के पद की दौड़ में करीब 70 वरिष्ठ बैंक कार्यकारी शामिल हैं। चेन्नई मुख्यालय वाले निजी क्षेत्र के इस बैंक में सितंबर के मध्य से प्रमुख का पद खाली है। उस समय बैंक के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी पार्थसारथी मुखर्जी ने अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही बैंक से विदाई ले ली थी।
अगस्त से लक्ष्मी विलास बैंक को त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के तहत रखा है। पूंजी ‘बफर’ के निचले स्तर तथा गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के ऊंचे स्तर तथा बढ़ते घाटे की वजह से बैंक को पीसीए के तहत रखा गया है।
मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि हमें मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक के पद के लिए 68 आवेदन मिले हैं। इससे करीब 100 साल पुराने बैंक के प्रति बैंक कार्यकारियों के आकर्षण का पता चलता है। एक सूत्र ने कहा कि निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा, एक्सिस बैंक और विदेशी बैंक स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक के वरिष्ठ कार्यकारियों ने एलवीबी के प्रमुख पद के लिए आवेदन किया है।
बैंक प्रमुख पद की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। इसके 10 नवंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। यदि भारतीय रिजर्व बैंक की मंजूरी मिल जाती है तो दिसंबर के पहले सप्ताह में बैंक का नया प्रबंधन प्रभार संभाल लेगा। सूत्र ने कहा कि बैंक के नए मुख्य कार्यकारी को निजी क्षेत्र के ऋणदाता के पुनरोद्धार पर ध्यान केंद्रित करना होगा। बैंक की ओर से इस दिशा में पहले ही कुछ कदम उठाए गए हैं।