न्यूयॉर्क। कपड़ा कंपनी वेलस्पन इंडिया और उसकी अमेरिकी अनुषंगी इकाइयों की समस्या बढ़ गई है। कंपनी पर उपभोक्ताओं की तरफ से दो सामूहिक मुकदमे दायर किए गए हैं। कंपनी पर आरोप है कि उसने घटिया और सस्ते कपास का उपयोग अपने चादरों और तौलिये में किया, जबकि उनकी मार्केटिंग महंगे मिस्र के कपास से निर्मित उत्पाद के रूप में की गई।
मुकदमा न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिला अदालत में मेघन एबॉट ने किया। उत्तरी कैरोलिना के इस निवासी ने वेलस्पन की चादरें रिटेल स्टोर टारगेट से खरीदी थीं। दूसरा मुकदमा सेंट लुइस फेडरल कोर्ट में किया गया है। दोनों मुकदमों में 50-50 लाख डॉलर के न्यूनतम नुकसान का दावा किया गया है। मुकदमों में कपड़ा बनाने वाली दुनिया की प्रमुख कंपनी वेलस्पन इंडिया तथा उसकी अमेरिकी अनुषंगियों पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है।
मुकदमें में कहा गया है, वेलस्पन वर्षों से बिछाने वाली चादरों को मिस्र के कपास से बने होने का दावा कर बेच रही है। मिस्र कपास को महंगा और उच्च गुणवत्ता का माना जाता है। इसके अनुसार, वास्तव में कंपनी ने अपने मिस्र के कपास से निर्मित चादरों में घटिया और कम महंगे कपास का उपयोग किया। परिणामरूवरूप जिन्होंने वेलस्पन की चादरें खरीदीं, उन्होंने भुगतान तो अधिक किया लेकिन उन्हें समान खराब मिला। दोनों मुकदमें में वेलस्पन के ग्राहकों को मुआवजा दिलाए जाने के साथ कंपनी के गलत आचरण के लिए दंडित किए जाने का अनुरोध किया गया है।