नई दिल्ली। 45 दिनों से बंद पड़ी हवाई उड़ान सेवाए अगले हफ्ते शुरू हो सकती हैं। एविएशन मिनिस्टर हरदीप पुरी ने समाचार पत्रिका आउटलुक को दिए इंटरव्यू में कहा है कि घरेलू उड़ा सेवाएँ एक हफ्ते के भीतर शुरू हो सकती हैं। देश में कोरोना वायरस को फैलने सो रोकने के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है और मेट्रो, रेल तथा सभी तरह के सार्वजनिक परिवहन के साथ हवाई सेवाओं पर भी रोक है। लेकिन अब सरकार ने कई जगहों पर लॉकडाउन की शर्तों में ढील देना शुरू कर दिया है और ऐसी संभावना है कि आगे चलकर हवाई उड़ान के साथ कुछ अन्य सार्वजनिक परिवहन को खोलने पर विचार हो सकता है। हालांकि देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और देश में लॉकडाउन 17 मई तक लागू है।
आउटलुक इंडिया को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि घरेलू उड़ान एक सप्ताह के भीतर शुरू हो सकती है। बता दें कि कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन को लेकर देश में पिछले 45 दिनों से सभी तरह की हवाई सेवाएं बाधित हैं। बता दें कि, कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए बीते 24 मार्च से देश में सभी प्रकार की उड़ानें रद्द कर दी गई थी। फिलहाल देश में लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है जो आगामी 17 मई तक लागू है। इस बीच नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी का घरेलू उड़ान सेवा को लेकर ये बयान काफी अहम माना जा रहा है।
ग्रीन जोन के बीच शुरू हो सकती है सेवा
हरदीप सिंह पुरी ने आगे कहा कि अभी इस पर अंतिम निर्णय लेना बाकी है। ग्रीन जोन के बीच संचालन किया जा सकता है। आंकड़ों पर गौर करें तो सभी महानगर रेड जोन में हैं। फिलहाल अगले कुछ दिनों में इस पर निर्णय लिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे 15 मई से पहले भी घरेलू उड़ान शुरू करने की योजना बना रहे हैं। प्रयास होगा कि बहुत जल्द इसे शुरू करने की दिशा में कदम उठाया जाए। बता दें कि, केंद्र सरकार ने कोरोना के खतरे के आधार पर 733 जिलों को तीन जोन में बांट दिया है। रेड जोन में 130 जिले, ऑरेंज जोन में 284 जिले और ग्रीन जोन में 319 जिलों को रखा गया है।
आउटलुक से खास बातचीत में हरदीप सिंह पुरी ने विदेशों में फंसे हुए भारतीयों को निकालने के लिए सरकार की बड़े पैमाने पर योजना और इसमें शामिल चुनौतियों को लेकर कहा कि हमें यकीन नहीं था कि इस पैमाने पर ‘वंदे भारत मिशन’ के जरिए ऑपरेशन को अंजाम दिया जाएगा। इसमें उन लोगों की पहचान कि गई है जो वापस आना चाहते हैं। सिर्फ खाड़ी देशों में करीब 9 मिलियन भारतीय काम करते हैं। करीब एक लाख 90 हजार लोगों की पहचान की गई है जो फंसे हुए हैं और वो तनाव की स्थिति में हैं। बता दें कि विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए 7 से 13 मई के बीच 64 फ्लाइटों का संचालन किया जा रहा है। जिससे लगभग 15 हजार भारतीयों के स्वदेश लौटने की उम्मीद है। देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को गृह राज्य पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेनें संचालित कर रहा है।