न्यूयार्क। अमेरिका की नेटवर्किंग कंपनी सिस्को सिस्टम्स अपने वैश्विक कार्यबल में करीब 5,500 नौकरियों की कटौती करेगा। यह संख्या उसके वैश्विक कार्यबल का करीब सात फीसदी है। भारत पर भी इसका असर पड़ सकता है। सिस्को के इस कदम का असर भारत में भी देखा जाएगा जहां कंपनी का दूसरा सबसे बड़ा कार्यबल है। भारत में कंपनी के 11,000 कर्मचारी हैं। सिस्को के दुनियाभर में 73,000 कर्मचारी हैं।
दुनिया भर 7 फीसदी कर्मचारियों की होगी छुट्टी
सिस्को के एक्जीक्यूटिव उपाध्यक्ष और मुख्य वित्तीय अधिकारी केली क्रेमेर ने एक कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा, कंपनी की पुनर्गठन कारवाई का असर 5,500 कर्मचारियों पर होगा। यह संख्या उसकी वैश्विक कार्यबल की करीब 7 फीसदी है। हम वित्त वर्ष 2017 की पहली तिमाही में इन कदमों की शुरूआत करेंगे। कंपनी जुलाई से जून के वित्त वर्ष का अनुसरण करती है। कंपनी का राजस्व 30 जून 2016 को समाप्त तिमाही के दौरान दो प्रतिशत घटकर 12.6 अरब डॉलर रहा हालांकि इसी दौरान इसका शुद्ध लाभ 21 फीसदी बढ़कर 2.8 अरब डालर रहा।
आरबीएस परियोजना रद्द होने से 3,000 रोजगार प्रभावित होंगे
इन्फोसिस ने कहा कि रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड की ब्रिटेन में एक अलग बैंक की स्थापना की परियोजना रद्द होने से करीब 3,000 कर्मचारियों की नौकरी प्रभावित होगी। आरबीएस ने हाल में ही घोषणा की कि वह ब्रिटेन में एक अलग बैंक विलियम्स एंड ग्लिन (डब्ल्यूएंडजी) बनाने और सूचीबद्ध करने की योजना को आगे नहीं बढ़ाएगी जिसके लिए इन्फोसिस एक प्रमुख प्रौद्योगिकी भागीदार थी। इन्फोसिस ने एक बयान में कहा, इन्फोसिस डब्ल्यूएंडजी में प्रौद्योगिकी कार्यक्रम में सलाह देने, एप्लीकेशन डिलीवरी और सेवाओं के परीक्षण की भागीदार थी और बैंक के इस फैसले के मद्देनजर कंपनी के मुख्य तौर पर भारत में अगले कुछ महीनों में करीब 3,000 रोजगार खत्म किए जाएंगे।