नई दिल्ली। कोल इंडिया लि.(सीआईएल) ने सोमवार को कहा कि पिछले सप्ताह करीब 4,000 टन कोयले से लदा रैक बांग्लादेश के लिये रवाना हुआ। खरीदारों को कोयले के निर्यात की घरेलू कंपनी से मिली अनुमति के बाद यह पहली खेप है। इस ईंधन की खरीद पिछले महीने ई-नीलामी के जरिये घरेलू खरीदारों ने की थी।
कोल इंडिया ने एक बयान में कहा, ‘‘कंपनी ने पिछले महीने ई-नीलामी कोयला बिक्री नीति में बदलाव किया। इसके तहत ई-नीलामी व्यवस्था में घरेलू कोयला खरीदारों पर से उससे (कोल इंडिया) खरीदे गये कोयले के निर्यात पर से पाबंदी हटा ली गयी। इसके तहत कोयले से लदा पहला रैक दो जुलाई को बांग्लादेश के लिये रवाना हुआ।’’ नीति में संशोधन के बाद पहली बार कोयले का निर्यात हुआ है। करीब 4,000 टन कोयला निर्यात किया गया है। बयान के अनुसार कोल इंडिया की झारखंड स्थित सब्सिडियरी यूनिट भारत कोकिंग कोल लि. (बीसीसीएल) से ई-नीलामी के जरिये खरीदे गया कोयला बांग्लादेश के खुलना स्थित रामपल बिजली घर के लिये भेजा गया है। यह परियोजना मैत्री सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के तहत लगायी जा रही है जो एनटीपीसी लि.और बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड की संयुक्त उद्यम है।
बांग्लादेश के लिये कोयले की खेप श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह (कोलकाता) से रवाना हुई। कोल इंडिया ने आठ जून को ई-नीलामी बिक्री नीति में संशोधन किया। इसके तहत कारोबारियों समेत घरेलू कोयला खरीदारों को हाजिर ई-नीलामी और विशेष हाजिर ई-नीलामी में खरीदे गये ईंधन के निर्यात की अनुमति दी गयी है।
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