कोलकाता। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने शुक्रवार को कहा कि उसने सिर्फ कोयला आयातकों के लिए हाजिर ई-नीलामी की एक नई श्रेणी शुरू की है और इसका उद्देश्य घरेलू आपूर्ति की मदद से विदेश से 15 करोड़ टन कोयले के आयात को कम करना है। आयात स्थानापन्न के लिए विशेष हाजिर ई-नीलामी योजना 2020 के तहत खरीदा गया कोयला देश के भीतर उपयोग के लिए होगा।
कोल इंडिया के एक अधिकारी ने कहा कि यह कदम देश की कोयला के आयात पर निर्भरता को कम करने के सरकार के आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत जोर देने पर काम करने की तैयारी में उठाया गया है। 15 करोड़ टन के कोयले के आयात को इस नई योजना से स्थानापन्न किया जा सकता है।
कंपनी ने कहा कि नया कार्यक्रम ई-नीलामी की मौजूदा चार श्रेणियों के अतिरिक्त है। इसमें सिर्फ आयातक खरीदार ही हिस्सा ले सकेंगे। अधिकारी ने कहा कि सीआईएल ने अधिक घरेलू आपूर्ति के साथ आयातित कोयले को स्थानापन्न करने के लिए एक नई विपणन रणनीति बनाई है।
कंपनी ने घरेलू कोयला आधारित बिजली संयंत्रों और स्पंज आयरन, सीमेंट, उर्वरक, इस्पात और अन्य उद्यमों की पहचान की है, जो कोयला आयात कर रहे हैं और जो इसके संभावित ग्राहक हैं। उन्होंने कहा कि ग्राहकों के इन खंडों ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान लगभग 15 करोड़ टन कोयले का आयात किया था। भारतीय खरीदार, जो मौजूदा वित्त वर्ष में या पिछले दो वित्त वर्षों में किसी में भी कोयला आयात किए हों, ई-नीलामी के इस नए संस्करण में भाग लेने के पात्र हैं।
कंपनी ने कहा कि सड़क से परिवहन के मामले में एक स्रोत के लिए न्यूनतम बोली की मात्रा 25 हजार टन आंकी गई है। रेल से परिवहन के लिए यह 50 हजार टन है, जो 12 रेक के बराबर है। अधिकारी ने कहा कि नई योजना के लिए एमएसटीसी लिमिटेड और एमजंक्शन सर्विसेज लिमिटेड सेवा प्रदाता होंगे।