लंदन। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (ईयू) में बने रहने का खुलकर समर्थन किया और 23 जून के जनमत संग्रह में इसके पक्ष में मतदान करने की अपील की। विभिन्न राष्ट्रमंडल देशों के औद्योगिक समूहों के साथ जुड़ते हुए सीआईआई ने ब्रिटेन में कार्यरत भारतीय कंपनियों के लिए यूरोप में सीमा-मुक्त पहुंच पर ध्यान आकर्षित किया क्योंकि ब्रिटेन में भारतीय निवेश का यह एक मजबूत कारण है।
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने एक बयान में कहा, भारत ने पूरे यूरोप के बजाए ब्रिटेन में अधिक निवेश किया है और वह ब्रिटेन में तीसरा सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने वाला निवेशक बनकर उभरा है। ब्रिटेन आने वाली कंपनियों के लिए यूरोपीय बाजारों में पहुंच होना इसकी एक बड़ी वजह है।
उन्होंने कहा कि इसके कम होने से ब्रिटेन को लेकर आकर्षण घटेगा और भविष्य में निवेश के फैसलों को प्रभावित करेगा। ब्रिटेन में विनिर्माण आधार वाली मौजूद सैकड़ों भारतीय कंपनियों के लिए बाकी यूरोप में सीमा-मुक्त पहुंच जारी रहे यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है। उनके विचारों का कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, केन्या और जमैका की उद्योग इकाइयों ने भी समर्थन किया है।
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