नई दिल्ली। उद्योग मंडल सीआईआई ने जीडीपी आंकलन के तरीके को अधूरा फार्मूला बताया है। वहीं, देश की आर्थिक ग्रोथ दर चालू वित्त वर्ष में 8.0 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। यह रिजर्व बैंक के 7.6 फीसदी ग्रोथ के अनुमान से कहीं अधिक है। इसके अलावा सीआईआई ने ब्याज दरों में हुई कटौती को अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा बताया है।
सीआईआई के नए अध्यक्ष नौशाद फोर्ब्स ने बुधवार को कहा, हमारा मानना है कि 2016-17 में जीडीपी ग्रोथ दर करीब 8.0 फीसदी रहेगी। आप इसकी तुलना रिजर्व बैंक के 7.6 फीसद के ग्रोथ के अनुमान से कर सकते हैं। मैं केवल इतना कह सकता हूं कि जिस तरीके से जीडीपी का आंकलन किया जा रहा है, वह अधूरा फार्मूले पर आधारित है। उन्होंने मजबूत वृहत आर्थिक बुनियाद, अनुकूल व्यापार धारणा और ब्याज दर में गिरावट को अर्थव्यवस्था के लिए उल्लेखनीय रूप से सकारात्मक बताया।
रिजर्व बैंक ने अनुकूल मानसून के रहने के अनुमान के साथ मंगलवार को ग्रोथ दर 7.6 फीसदी रहने की भविष्यवाणी की। वहीं सरकार का इसके 7.0 से 7.75 फीसदी रहने का अनुमान है। जोखिम के बारे में फोर्ब्स ने कहा कि बाह्य मांग स्थिति पर नजर रखनी होगी। कंपनियों का प्रदर्शन स्थिर रहने, सातवें वेतन आयोग की तरफ से राजकोषीय दबाव तथा आने वाले वर्ष में तेल कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना अन्य जोखिम कारक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रोजगार सृजन तथा उद्यमशीलता ग्रोथ प्रक्रिया को समावेशी बनाने के लिए जरूरी है।