नई दिल्ली। माल एवं सेवा कर (GST) पर GST काउंसिल ने सिगरेट पर उपकर बढ़ा दिया है लेकिन इससे सिगरेट के दाम नहीं बढ़ेंगे। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि GST दरें तय होने के बाद विसंगति की वजह से सिगरेट विनिर्माता अप्रत्याशित लाभ कमा रहे थे और इसी के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। हालांकि, उपकर में बढ़ोतरी से सिगरेट कीमतों में बदलाव नहीं होगा। यह उपकर सोमवार मध्यरात्री से लागू हो चुका है।
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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये GST काउंसिल की आपात बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में जेटली ने कहा कि सिगरेट पर उपकर में बढ़ोतरी से सरकार को 5,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा, अन्यथा यह विनिर्माताओं के खाते में जाता। GST काउंसिल ने मई में सिगरेट पर 28 फीसदी की कर दर तय की थी। इसके ऊपर 5 फीसदी का मूल्यानुसार कर लगाया गया है। 65 मिलीमीटर तक की फिल्टर और गैर फिल्टर सिगरेट पर 1,591 रुपए प्रति हजार स्टिक्स का उपकर लगाया गया था। हालांकि, यह दर GST से पूर्व की व्यवस्था में सिगरेट पर कर भार से कम थी। ऐसे में यह विनिर्माताओं को तय करना था कि वे इसका फायदा उपभोक्ताओं को देते हैं या खुद अप्रत्याशित मुनाफा कमाते हैं। विनिर्माताओं ने खुद अप्रत्याशित लाभ लेने के विकल्प को चुना।
पैंसठ एमएम की फिल्टर और नॉन फिल्टर सिगरेट पर नया उपकर 5 फीसदी और 2,076 रुपए प्रति हजार स्टिक्स होगा। वहीं 65 एमएम से 70 एमएम की गैर फिल्टर सिगरेट पर कर की दर 5 फीसदी और 3,668 रुपए प्रति हजार स्टिक्स होगी। अभी तक यह 5 फीसदी और 2,876 रुपए थी।
पैंसठ एमएम से 70 एमएम की फिल्टर सिगरेट पर 5 फीसदी और 2,747 रुपए प्रति हजार स्टिक्स का कर लगेगा। अभी तक यह 5 फीसदी और 2,126 रुपए था। इसी तरह 70 एमएम से 75 एमएम की सिगरेट पर 5 फीसदी और 3,668 रुपए का उपकर लगेगा। अन्य सिगरेट पर उपकर 36 फीसदी और 4,170 रुपए प्रति हजार स्टिक्स होगा। अभी तक यह 5 फीसदी और 4,170 रुपए है। जेटली ने कहा कि इस स्थिति को ठीक करने के लिए GST परिषद ने सिगरेट पर निश्चित उपकर 485 से 792 रुपए प्रति हजार स्टिक्स तक बढ़ा दिया है। हालांकि इससे सिगरेट के दाम नहीं बढ़ेंगे क्योंकि उपकर में बढ़ोतरी से सिर्फ विनिर्माताओं का अप्रत्याशित लाभ समाप्त होगा।