वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड ने आज कहा कि मजबूत वृद्धि और वास्तविक आय में वृद्धि के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत आकर्षक स्थल बना हुआ है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कुल मिलाकर पिछले छह महीने में वैश्विक परिदृश्य और कमजोर हुआ है। इसका कारण चीन में अपेक्षाकृत नरमी, जिंसों के दाम में कमी और कई देशों में वित्त के मामले में कड़े रूख की संभावना है।
IMF की प्रबंध निदेशक ने कहा कि मुख्य रूप से उभरते बाजारों ने पुनरूद्धार को आगे बढ़ाया है और उम्मीद थी कि विकसित अर्थव्यवस्थाएं वृद्धि की पताका को थामेंगी।
उन्होंने जर्मनी गोएथे यूनिवर्सिटी में डिसाइसिव एक्शन टू सिक्योर ड्यूरेबल ग्रोथ विषय पर अपने संबोधन में कहा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। क्रिस्टीन ने कहा कि उभरते बाजारों में विविधता है, पर कहानी सभी की एक जैसी है। चीन का अधिक टिकाउ आर्थिक मॉडल की ओर बढ़े जो चीन और दुनिया के लिए अच्छा है। इसका मतलब है कि उसकी वृद्धि दर जो अभी भी मजबूत है, कम हो रही है। ब्राजील में नरमी है और रूस में गिरावट अनुमान से ज्यादा है।
उन्होंने कहा, पश्चिम एशिया के लिए भी यही स्थिति है। तेल की कीमतों में गिरावट के कारण उन पर प्रभाव पड़ा है और कम आय वाले देशों में भी संभावना कम हुई है। उन्होंने कहा आसियान की पांच अर्थव्यवस्थाएं इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, थाईलैंड और वियतनाम अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं जबकि मैक्सिको जैसा देश लगातार वृद्धि कर रहा है।
क्रिस्टीन ने राजकोषीय नीति के बारे में कहा कि अधिकतर देशों में मुद्दा यह है कि नीतियों को कैसे वृद्धि अनुकूल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इसे राजस्व और व्यय की संरचना में परिवर्तन कर किया जा सकता है। IMF प्रमुख ने कहा, उदाहरण के लिए भारत ने महंगी उर्जा सब्सिडी पर खर्च कम किया है ताकि वह वृद्धि को बढ़ावा देने वाले सामाजिक बुनियादी ढांचे में और निवेश कर सके। जापान बच्चों के देखभाल में निवेश कर रहा है ताकि अधिक महिलाओं को काम करने में मदद मिल सके जिससे मध्यम अवधि में वृद्धि को गति मिलेगी।
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