christie auction: अमेरिका में शाही भारतीय आभूषणों के संग्रह की बोली 10.9 करोड़ डॉलर (करीब 755 करोड़ रुपए) से ज्यादा की लगाई गई। इनमें 17 कैरेट का गोलकुंडा हीरा 'अर्काट 2' 23.5 करोड़ रुपए में नीलाम हुआ। हैदराबाद के निजाम के हीरे का हार करीब 17 करोड़ रुपए में बिका। वैश्विक नीलामी घर क्रिस्टीज ने बताया कि उन्हें इस हार के 10.5 करोड़ रु. में बिकने की उम्मीद थी। इंदौर के महाराज यशवंत राव होलकर द्वितीय से संबंधित एक हार 1.44 करोड़ में बिका। जयपुर की राजमाता गायत्री देवी की हीरे की बेहद पुरानी अंगूठी 4.45 करोड़ में बिकी। नीलामी घर की ओर से बताया गया 'महाराजा एंड मुगल मैग्निफिशेन्स' नीलामी में 755 करोड़ रुपए की बिक्री हुई।
वैश्विक नीलामी घर 'क्रिस्टीज' के मुताबिक यह किसी भी भारतीय कला या आभूषण संबंधी चीजों के लिए लगने वाली अब तक की सबसे ऊंची बोली है। इन सभी शाही चीजों में 17 कैरेट का गोलकुंडा हीरा 'अर्काट 2' जो 3,37,500 डॉलर यानी करीब 23.5 करोड़ रुपए की कीमत पर नीलाम हुआ। एक जमाने में अर्काट के नवाब इस हीरे के मालिक थे, बाद में यह हीरा ब्रिटेन के राजघराने में शामिल कर लिया गया। इसके अलावा एक प्राचीन हीरे के हार की भी बोली लगी जिस पर कभी हैदराबाद के निजाम का मालिकाना हक था। यह करीब 2,415,000 डॉलर (17 करोड़ रुपये) में बिका।
बेहद ऊंचे दामों पर बिके भारतीय शाही आभूषण
क्रिस्टीज ने ट्विटर पर बताया कि 33 हीरों वाले हार के 15,00,000 डॉलर (10.5 करोड़ रुपए) में बिकने की उम्मीद थी। इंदौर के महाराज यशवंत राव होलकर द्वितीय से संबंधित एक हार 1.44 करोड़ रुपये में बिका। इसके अलावा जयपुर की राजमाता गायत्री देवी की हीरे की एक बेहद पुरानी अंगूठी 4.45 करोड़ रुपये में बिकी।
नीलामी घर 'क्रिस्टीज' ने एक बयान में कहा कि इस संग्रह और विशेष रूप से तैयार न्यूयॉर्क ऑक्शन 'महाराजास एंड मुगल मैग्निफिशेन्स' नीलामी में 10,92,71,875 डॉलर की बिक्री हुई जो भारतीय कला या आभूषणों की नीलामी में लगने वाले सबसे अधिक बोली है और किसी निजी आभूषण संग्रह में लगी दूसरी सबसे अधिक बोली है। वर्तमान में यह रिकॉर्ड 'द कलेक्शन ऑफ एलिजाबेथ टेलर' के नाम है जो 2011 में हुई नीलामी में कुल 14.4 करोड़ डालर में बिका था।