नयी दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अगस्ता वेस्टलैंड धन शोधन मामले में रतुल पुरी को निचली अदालत से मिली जमानत रद्द करने का अनुरोध किया। पुरी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर के पीठ के समक्ष आई, जिन्होंने इसे सुनवाई के लिए शुक्रवार को सूचीबद्ध करने की इजाजत दे दी।
जांच एजेंसी ने केंद्र सरकार के वकील अमित महाजन के जरिए दायर अपनी याचिका में पुरी को दो दिसंबर को निचली अदालत से मिली जमानत रद्द करने की मांग की है। ईडी ने अपनी याचिका में दावा किया है कि निचली अदालत ने जब पुरी को राहत दी थी, उस वक्त वह (निचली अदालत) रिकार्ड में मौजूद सभी दस्तावेजों को समझ पाने में नाकाम रही थी। याचिका में दावा किया गया है कि पुरी को राहत देते समय निचली अदालत ने उन्हें निर्देश दिया था कि वह साक्ष्य से छेड़छाड़ नहीं करेंगे, ना ही गवाह से संपर्क करने या प्रभावित करने की कोशिश करेंगे।
गौरतलब है कि रतुल पुरी चार सितंबर से ईडी की हिरासत में थे। वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में पुरी को ईडी द्वारा दर्ज छठे आरोपपत्र में आरोपी नामजद किया गया है। गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना को 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी के साथ किया गया करार अनुबंध के दायित्वों का उल्लंघन किए जाने और यह सौदा हासिल करने में 423 करोड़ रुपये की रिश्वत दिए जाने के आरोप को लेकर भारत सरकार ने 2014 में रद्द कर दिया था।