काउंटरप्वाइंट रिसर्च के सीनियर टेलीकॉम एनालिस्ट तरुण पाठक का कहना है कि
पिछले कुछ सालों में चीनी स्मार्टफोन निर्माता भारत के लिए बहुत अधिक आक्रामक हो गए हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत एक बड़ा स्मार्टफोन बाजार है और यह बहुत तेजी से विकसित हो रहा है, यही कारण है कि सभी ग्लोबल कंपनियां इसका फायदा उठाना चाहती हैं।
चीनी कंपनियां भारत में कई सारे नए-नए मॉडल लॉन्च कर रही हैं और वे मार्केटिंग पर आक्रामक ढंग से बहुत अधिक पैसा भी खर्च कर रही हैं। भारत में प्रमुख चीनी स्मार्टफोन ब्रांड की लिस्ट में लिनोवो, वीवो, ओप्पो, श्याओमी और लीईओ प्रमुख हैं। घरेलू ब्रांड जैसे माइक्रोमैक्स, इंटेक्स, लावा और कार्बन तकरीबन आधे भारतीय स्मार्टफोन बाजार पर काबिज हैं, जबकि साउथ कोरिया की सैमसंग इन सबसे आगे है और भारतीय स्मार्टफोन बाजार में वह मार्केट लीडर है।
चीनी कंपनियों ने बनाया एक नया मार्केट
कीमतों को लेकर संवेदनशील भारत में, कुल स्मार्टफोन बिक्री में 70 फीसदी हिस्सा अफोर्डेबल हैंडसेट – 10,000 रुपए तक- कैटैगरी का है। अधिकांश भारतीय ब्रांडों को यहां सफलता मिली है क्योंकि उनका फोकस इस लोकप्रिय कैटेगरी पर है। वहीं दूसरी ओर चीनी कंपनियां 10,000 से लेकर 25,000 रुपए की कीमत रेंज में एक नया सेगमेंट तैयार कर रही हैं। इस मिड-सेगमेंट में वे यूजर्स को अफोर्डेबल स्मार्टफोन से अपग्रेड करने की कोशिश में जुटी हैं।
तस्वीरों में देखिए चीन के इस प्लेन को
China C919
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काउंटरप्वाइंट रिसर्च के तरुण पाठक का कहना है कि अधिकांश भारतीय मैन्युफैक्चरर्स फर्स्ट-टाइम स्मार्टफोन यूजर्स को अफोर्डेबल समार्टफोन बेचने पर अपना ध्यान दे रहे हैं। चीनी कंपनियां उन ग्राहकों पर ध्यान दे रही हैं, जो पहले से ही स्मार्टफोन का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन थोड़ी ज्यादा कीमत देकर वह इसे अपग्रेड करना चाहते हैं।
मैन्युफैक्चरिंग में चीन की कुशलता से सभी परिचित हैं, ऐसे में चीनी स्मार्टफोन के डिजाइन और लुक भारतीय मॉडल की तुलना में बहुत ज्यादा आकर्षक और बेहतरीन होते हैं। भारत एक ऐसा बाजार है, जो तेजी से विकसित हो रहा है और यहां सभी के लिए काफी संभावनाएं हैं। यही वजह है कि चीनी कंपनियां ज्यादा से ज्यादा बाजार हड़पने की अपनी कोशिशों में जुटी हैं और इसमें वह कामयाब होती भी दिख रही हैं।