नई दिल्ली। एक ओर चीन की सरकार दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन कंपनी अलीबाबा (AliBaba) के संस्थापक जैक मा (Jack Ma) और उनकी कंपनी एंट ग्रुप के पीछे हाथ धोकर पड़ी है, वहीं ऐसे खबरें सामने आ रही हैं कि अरबपति कारोबार लापता हैं। पिछले दो महीने से जैक मा को सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया है। इस तरह की खबरें तब सामने आईं जब जैक मा खुद अपने शो अफ्रीका के बिजनेस हीरोज के फाइनल एपीसोड में जज के तौर पर शामिल नहीं हुए। अलीबाबा और एंट ग्रुप के सह-संस्थापक जैक मा ने नवंबर में एंट का आईपीओ रद्द होने के बाद से किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग नहीं लिया है और न ही किसी ने उन्हें कहीं देखा है। सरकार ने उन्हें देश छोड़कर न जाने की सलाह दी है।
चीन में अलीबाबा और उसकी अन्य कंपनियों के खिलाफ सरकार की नजर उस समय टेढ़ी हुई, जब जैक मा ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में सीधे चीनी सरकार या ये कहें कि सर्वशक्तिमान राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर हमला बोला। मा ने कहा था कि चीन की सरकार समय से काफी पीछे चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि चीन का वित्तीय और नियामकीय तंत्र इन्नोवेशन में रुकावट पैदा करने वाला है।
24 अक्टूबर को शंघाई में दिए गए एक वक्तव्य में जैक मा ने सीधे शी जिनपिंग का नाम लेकर कहा कि उनकी नीतियां ठीक नहीं हैं और वह इन्नोवेशन के जरिये चीन की आर्थिक समस्याओं का समाधान करना चाहते हैं। जैक मा के एंट ग्रुप ने दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ लॉन्च किया था लेकिन फिलहाल यह अटक गया है। चीन के जैक मा का एंट ग्रुप इस आईपीओ के जरिये 37 अरब डॉलर जुटाने जा रहा था। पिछले दिनों जब एंट ग्रुप की हॉन्गकॉन्ग और शंघाई शेयर बाजारों में होने वाली लिस्टिंग से कुछ ही दिनों पहले शंघाई शेयर बाजार ने लिस्टिंग को रोक दिया।
जैक मा से क्यों नाराज हैं शी जिनपिंग
चीनी इतिहास में सबसे ताकतवर माने जाने वाले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को चुनौती देते जैक मा के कई बयान इस पूरे घटनाक्रम की वजह माने जा सकते हैं। पिछले कुछ वर्षों से जैक मा जिस तरह सार्वजनिक तौर पर चीन की सरकार की आलोचना कर रहे थे, उसके बाद चीनी सरकार की दृष्टि उन पर टेढ़ी हो गई।
जैक चीन के कठोर वित्तीय रेगुलेशन को लेकर लगातार सरकार से पंगा ले रहे थे। लेकिन 24 अक्टूबर को शंघाई में दिए गए एक वक्तव्य में उन्होंने सीधे शी जिनपिंग का नाम लेकर चीन की सरकार की नीतियों पर तो कटाक्ष किया ही, लेकिन सीधे जिनपिंग को लक्ष्य कर उस लक्ष्मण रेखा को भी पार कर दिया, जो चीन की मौजूदा व्यवस्था में ईशनिंदा से कम नहीं है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल में जिनपिंग और कुछ शीर्षस्थ सरकारी अधिकारियों की एक बैठक में शामिल एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि जिनपिंग ने जैक के उस बयान पर जबर्दस्त नाराजगी जताई और उसी बैठक में एंट ग्रुप के आईपीओ को रोकने का फैसला किया गया। लेकिन इस फैसले से काफी पहले ही अक्टूबर के आखिर से जिनपिंग की सरकार ने जैक मा के औद्योगिक साम्राज्य और उनकी विशाल टेक्नोलॉजी कंपनी के खिलाफ रेगुलेटरी शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। इसका नतीजा यह हुआ कि जैक मा की निजी संपत्ति का वैल्यूएशन 61.7 अरब डॉलर से करीब 11 अरब डॉलर कम होकर 50.9 अरब डॉलर रह गया।